आज नवरात्रि का प्रथम दिन है और आज के दिन कलश स्थापना के बाद पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। वहीं मां शैलपुत्री सफेद वस्त्र धारण किए हुए हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है।मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। साथ ही उनकी सवारी नंदी की है। शैलपुत्री मां के वृषोरूढ़ा और उमा भी नाम हैं। मां शैलपुत्री के इस रूप को करुणा और स्नेह का प्रतीक माना गया है।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, बुधवार, दिनांक 22 मार्च 2023 को बसंत नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। अत: इसी दिन द्विस्वभाव लग्न में प्रात: काल घट स्थापना होगी।
प्रात: 06:33 से प्रात: 07:40 (सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त)
प्रात: 11:14 से दोपहर 12:10 (द्विस्वभाव मिथुन लग्न)
प्रात: 06:33 से प्रात: 09:33 (लाभ-अमृत का चौघड़िया)
प्रात: 11:04 से दोपहर 12:10 (शुभ का चौघड़िया)
नोट :- इस दिन बुधवार होने से अभिजित मुहूर्त (दोपहर 12:10 से दोपहर 12:58) को टालना चाहिए।