
जमशेदपुर : राष्ट्रीय सनातन सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने जुगसलाई की महान सिख संगत को उनकी शानदार विरासत, इतिहास, मर्यादा पर पहरा देने की अपील की है। कुलविंदर सिंह के अनुसार जुगसलाई और रिफ्यूजी कॉलोनी की सिख संगत की भावना समर्पण की दुहाई हर गुरुद्वारे में दी जाती है कि पंथ के प्रति प्यार समर्पण सीखना है तो इनसे सीखिए, लेकिन जुगसलाई की सिख संगत के अनदेखी के कारण देश-विदेश में जमशेदपुर की बदनामी हो रही है। जुगसलाई नहीं बल्कि सारी संगत जानती है कि शैलेंद्र सिंह को धर्म और पंथिक मर्यादा से कोई मतलब नहीं है बल्कि अपनी राजनीति चमकाते हैं। कभी कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन में वोट देने की अपील करते हैं और कब बीजेपी के बड़े नेताओं के पास जाकर सिखों के लिए टिकट मांगने लगते हैं। यह इतने कमजोर और याचक बन गए हैं कि सामने वाला सिखों को कमजोर समझने लगा है।


तभी तो जब झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनने पर हिदायतुल्लाह खान को बधाई देने गए उन्हें गुरु नानक देव जी की तस्वीर भेंट की, उसने पैरों में चप्पल पहन रखी है और सर भी नंगा है। जो इंसान अपने आप को झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान एवं तख्त श्री हर मन्दिर जी पटना साहेब जैसे पवित्र स्थल का पूर्व कार्यकारी प्रधान बताता है, उसकी करतूत से हर सिख का सर झुकता है और शर्मिंदगी का एहसास होता है।

शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा एवं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए और इन्होंने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की तस्वीर भेंट की।
उसकी फोटो प्रेस में आई है जो सिखों को शर्मसार कर रही है कि राज्य मंत्री ने सर नहीं ढका है और वह श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की फोटो ग्रहण कर रहा है। यहां नित्यानंद राय से यह सिख बहुल इलाका से टिकट देने की मांग करते हैं।

कुलविंदर सिंह के अनुसार उन्होंने हिदायतुल्लाह प्रकरण को सेंट्रल कमेटी के बैठक में उठाया था तो सरदार भगवान सिंह ने भी शैलेंद्र सिंह की हिमायत की थी और उन्हें धक्के मरवा कर बैठक से बाहर करवा दिया था। संगत को समझ जाना चाहिए कि इन्हें पद चाहिए, पंथिक मर्यादा तार तार होती रहे उसे इनको कोई मतलब नहीं है।
अगर जुगसलाई की संगत सही में धर्म प्रेमी है तो उन्हें कमेटी के प्रधान महेंद्र सिंह पर दबाव बनाना चाहिए कि शैलेंद्र सिंह को कमेटी से बाहर का रास्ता दिखाएं क्योंकि उनके कारण पंथ की बदनामी होती है।