
रविंद्र भवन में डीसी व एसएसपी ने समेत सभी अधिकारियों ने बुधवार को एक बैठक की। इस बैठक में रामनवमी पर शहर में तैनात किए गए मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी शामिल रहे। इन मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर एक दूसरे को दिए गए और इनको नियम कायदों से अवगत कराया गया कि रामनवमी के दिन इन्हें क्या करना है। डीसी विजया जाधव ने बताया कि इस बार डीजे बजाने पर पाबंदी है। अश्लील व भड़काऊ गाने बजाने पर भी पाबंदी है। लोगों को चाहिए कि वह अच्छे पारंपरिक सनातन धर्म से जुड़े गाने बजाएं और भगवान राम की जीवनी ये संबंधित प्रदर्शनी लगाएं। डीसी विजया जाधव ने बताया कि सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कई जगह सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बैठक में अधिकारियों ने मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों को बताया कि रामनवमी के दिन किस तरह से विधि कानून व्यवस्था को बनाए रखना है। एसडीओ धालभूम पीयूष कुमार सिन्हा भी इस बैठक में थे। उन्होंने अधिकारियों को मजिस्ट्रेट को समझाया कि जहां उनकी तैनाती है। वहां पता कर लें कि उधर से रामनवमी के कितने जुलूस निकलेंगे। जुलूस निकालने वाले अखाड़े का नाम क्या है। वह अखाड़ा लाइसेंसी है या नहीं और अखाड़े के अध्यक्ष और पदाधिकारी कौन हैं। इन सब का नंबर पहले से मजिस्ट्रेट के पास होना चाहिए। ताकि जब जरूरत पड़े तो और उनसे संपर्क किया जा सके। इसके अलावा डीसी विजया जाधव और एसएसपी प्रभात कुमार ने भी सभी मजिस्ट्रेट को दिशा निर्देश दिए। मजिस्ट्रेटों को बताया गया कि उन्हें अपने इलाके में गुजरने वाले जुलूसों की वीडियो रिकॉर्डिंग करानी है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में वीडियोग्राफरों को तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों में खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। मजिस्ट्रेटों को बताया गया कि पोटका के हल्दीपोखर का इलाका काफी संवेदनशील है। क्योंकि वहां पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए हल्दीपोखर इलाके पर खास ध्यान रखना है। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि शहर में रामनवमी पर 200 से अधिक अखाड़े निकलते हैं। इनमें से जो संवेदनशील और कानून व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उनसे संपर्क में रहना है।