जमशेदपुर : अवैध रूप से भागकर पाकिस्तान गए मोहम्मद हसनैन और उसके पुत्र के भारत में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के आरोपों से मुस्लिम पड़ोसी भी सहमत नहीं हैं। मुस्लिम बहुल गौतमपुरी में रहने वाले हसनैन के आरोपों से पड़ोसी हैरान हैं। उनका दावा है कि हसनैन के बताए अनुसार कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं है। लोग संदेह जता रहे हैं कि हसनैन और उसका पुत्र इसहाक आमिर किसी षड्यंत्र के तहत देश को बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
हसनैन का जमशेदपुर से गहरा है नाता

हसनैन का झारखंड के जमशेदपुर से नाता रहा है। वह मूल रूप से गोलमुरी का रहने वाला है। वह 10 वर्ष पूर्व पत्नी को तलाक देकर अपने बेटे के साथ दिल्ली चला गया था, जहां मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए कौमी पार्टी आफ इंडिया बनाई थी। इस पार्टी से वह लोकसभा से लेकर मुस्लिम बहुल सीलमपुर क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ चुका है। दोनों चुनाव में उसे नोटा से भी कम वोट मिले थे।
पड़ोसियों को हसनैन के आरोपों में नजर आता षड़यंत्र

हसनैन से जुड़े जाहिद खान ने बताया कि हसनैन ने 2008 में सीलमपुर से विधायक और 2014 में उत्तर पूर्वी जिले से मनोज तिवारी के खिलाफ सांसद का चुनाव लड़ा था। उसके बयानों में कट्टरता साफ झलकती थी। हसनैन गौतमपुरी के जिस टी ब्लाॅक में रहता था, उसकी 99 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।
बमुश्किल एक-दो हिंदू दुकानदार मिल जाएंगे। स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले यहां हिंदुओं की अच्छी खासी तादात थी, लेकिन वे यहां से धीरे-धीरे चले गए।
पड़ोसी एवं फिजिशयन मुशारिफ राईन कहते हैं कि हसनैन के आरोपों में षड्यंत्र नजर आता है। करीब 50 सालों से वहां रह रहे हाजी अब्दुला कहते हैं कि उन्होंने कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं देखा।
रहस्यमय है हसनैन का जीवन

लोगों के बीच हसनैन का व्यक्तिगत जीवन भी रहस्यमय है। उसकी पत्नी के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। कोई कहता है कि काफी पहले पत्नी को तलाक दे दिया था। कोई रिश्तेदार भी आता-जाता नहीं है। 31 वर्ष होने पर भी बेटे की शादी नहीं हुई थी। उनका खर्च कैसे चलता था, इसका भी पता नहीं है।
मकान नंबर टी-659 के दूसरे तल के फ्लैट में पेशे से दर्जी मोहम्मद आजाद खान के साथ वह रहता था। वह कहते हैं कि आठ हजार रुपये किराये वाले दो कमरे के फ्लैट के एक कमरे में पत्नी व बेटी के साथ वह और दूसरे कमरे में बेटे के साथ हसनैन रहता था। बदले में चार हजार रुपये देता था। पांच सितंबर को दोनों यह कहकर दुबई के लिए निकले कि बेटे की नौकरी लग गई है।
हसनैन का बड़ा भाई इबरार भी पाकिस्तान भागा था

पाकिस्तान भागने वाले हसनैन का झारखंड के जमशेदपुर से नाता रहा है। लगभग 38 वर्ष पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद हसनैन का बड़ा भाई इबरार भी जमशेदपुर से पाकिस्तान भाग गया था। हसनैन भी पहले टाटा स्टील में कार्यरत था। वह कदमा स्थित टीएस 4 फ्लैट के सामने रहता था।
2013-14 में रिटायर होने के बाद वह दिल्ली शिफ्ट हो गया था। इबरार का पूरा परिवार जमशेदपुर के गोलमुरी मुस्लिम बस्ती में रहता था। वह टाटा स्टील के वित्त विभाग में कार्यरत था। टाटा स्टील में नौकरी मिलने के बाद वह कदमा स्थित बीएच एरिया के रोड नंबर छह में शिफ्ट हो गया।
1985 में उसने अपनी बेटी की शादी की थी। तब मेहमानों को चांदी की तस्तरी में खाना परोसा गया था। टाटा स्टील के अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने सवाल उठाया कि वित्त विभाग का एक कर्मचारी इतना अधिक खर्च कैसे कर सकता है।
जांच शुरू हुई तो इबरार के घोटाला किए जाने का पता चला, लेकिन जब तक कंपनी शिकंजा कसती, तब तक इबरार पूरे परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया।