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साइबर अपराधियों ने निजी जानकारी के बगैर बुजुर्ग के अलग-अलग खातों से उड़ाए रुपए

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राँची : साइबर अपराधी रोज नई-नई तकनीक से लोगों के खाते से रुपए उड़ा रहे हैं। इसी क्रम में रांची में एक नई तकनीक से ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें बगैर कोई बैंक संबंधी गुप्त जानकारी साझा किए बुजुर्ग के कई बैंक खातों से रुपए उड़ा लिए गए हैं। एक 66 वर्षीय बुजुर्ग को साइबर अपराधियों ने ठगी का शिकार बनाया है। मामले को लेकर रांची के मोरहाबादी निवासी कन्हैया प्रसाद अग्रवाल ने बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

जाने क्या है मामला:

साइबर अपराधी हर दिन अपनी नई-नई चाल और तकनीक से आम लोगों की गाढ़ी कमाई को उड़ा रहे हैं। ताजा मामला रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के रहने वाले 66 वर्षीय बुजुर्ग कन्हैया प्रसाद अग्रवाल का है। साइबर अपराधियों ने कन्हैया प्रसाद अग्रवाल के खाते से 55,746 रुपए उड़ा लिए। ठगी की जानकारी कन्हैया प्रसाद को तब मिली, जब उन्होंने अपने खाते को अपडेट करवाया। इसके बाद उन्होंने सीधा रांची के बरियातू थाना पहुंच कर अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

कैसे की गई ठगी:

कन्हैया प्रसाद ने बरियातू थाना में दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि वह ओल्ड मार्केट रोड मोरहाबादी में रहते हैं। दो दिन पूर्व उनके मोबाइल पर चेन्नई स्थित इंडियन बैंक से फोन आया। जिसमें उनसे पूछा गया कि उनके खाते से 1700 ट्रांसफर हुए हैं, क्या वो आपने किया है। यह सुनकर कन्हैया प्रसाद हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने खाते से कोई पैसे ट्रांसफर नहीं किए हैं। बैंक के द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि उनके खाते से लगातार पैसे गायब किए जा रहे हैं। ऐसे में आप तुरंत साइबर हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करें।

बगैर कोई जानकारी शेयर किए ही खाते से उड़ाए रुपएः

बैंक के द्वारा दिए गए सूचना पर आनन-फानन में कन्हैया प्रसाद में अपने एटीएम सहित तमाम दूसरे बैंकिंग माध्यम को ब्लॉक करवाना शुरू किया, लेकिन इसी बीच उनके खाते थे 10 रुपए ,4990 रुपए, 45400 रुपए, 1000 रुपए, 1100 रुपए और 1700 रुपए की निकासी अलग-अलग तारीख में हो गई। सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि कन्हैया प्रसाद के पास जितने बैंकों के खाते थे निकासी सबसे हो रही थी। कन्हैया प्रसाद ने अपने आवेदन में बताया है कि उन्होंने अपने बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक का यूपीआई भी फ्रिज करवा दिया है। कन्हैया प्रसाद को यह समझ में नहीं आया कि आखिर जब उन्होंने अपनी निजी जानकारी बैंक संबंधित किसी से भी साझा नहीं की तब उनके खाते से पैसे कैसे निकल गए।

जांच में जुटी पुलिस:

वहीं दूसरी तरफ साइबर पुलिस की सहायता से बरियातू थाना की टीम साइबर अपराधियों के ठगी का ये कौन सा तरीका है यह समझने की कोशिश कर रही है। कन्हैया प्रसाद को न ही कोई ओटीपी आया और न ही उन्होंने बैंक से संबंधित कोई जानकारी किसी से शेयर की, फिर भी उनके खाते से रकम गायब हो गई। बरियातू थाना के प्रभारी प्रयाग दास ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। साइबर क्राइम ब्रांच से भी मदद ली जा रही है।