
जमशेदपुर : सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति की ओर से श्रीराम मंदिर की चौथी वर्षगांठ पर संगीतमय श्रीराम कथा शुक्रवार को शंख मैदान में शुरू हुई। कथा शुरू होने से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, राकेश सिंह सपत्नीक शामिल हुए व कथा व्यास पीठ एवं व्यास का पूजन किया। अयोध्या धाम से आईं मर्मज्ञ कथा वाचक पंडित गौरांगी गौरी ने श्रीराम कथा के पहले दिन श्रीराम कथा महिमा एवं गुरु महिमा का वर्णन किया।


कथा में 5 सदस्यीय संगीत मंडली ने मधुर व मनमोहक भजन प्रस्तुत कर पूरे क्षेत्र को भक्तिमय कर दिया। गौरांगी गौरी ने श्रीराम कथा की महिमा एवं गुरु महिमा सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा के दौरान भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। मंच संचालन सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य गुंजन यादव ने किया। कथा समाप्ति पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के पैकेट का वितरण किया गया। प्रसंग का वर्णन करते हुए पंडित गौरांगी गौरी ने कहा कि श्रीराम कण-कण में रमने वाली शक्ति है और श्री राम कथा सुनने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है।

इसकी महिमा जितनी कही जाए, कम ही है। जो भगवान की कथा को श्रवण कर उसे अपने जीवन में चरितार्थ करते हैं उसका जीवन धन्य हो जाता है। गौरी ने कहा कि भगवान जगत गुरु हैं, मनुष्य के जीवन में किसी न किसी गुरु की आवश्यकता रहती है। मनुष्य का जीवन बिना गुरु के अधूरा माना जाता है। गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता और बिना ज्ञान के ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती। जीवन रूपी पतंग की डोर गुरु के हाथ में होने से वे उसे ऊंचाई तक ले जाते हैं, जिससे सही दिशा में चलकर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।














