
लखनऊ : मुख़्तार अंसारी के मौत के बाद जहाँ उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है, वहीं एक तबका बेहद खुश और एक तबका बेहद दुखी नज़र आ रहा है। चुनाव के इस माहौल में आरोप प्रत्यारोप चल रहा है और मुख़्तार अंसारी की मौत मौजूदा सरकार पर विपक्ष के हमले का रास्ता खोल कर रख दिया है। समाजवादी पार्टी के विधायक रह चुके मुख़्तार अंसारी के मौत के बाद अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा।


उन्होंने अपने एक्स हैंडल (ट्विटर) में ट्वीट के माध्यम से कहा कि “हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
थाने में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, अस्पताल ले जाते समय, अस्पताल में इलाज के दौरान, झूठी मुठभेड़ दिखाकर, झूठी आत्महत्या दिखाकर, किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर

ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उत्तर प्रदेश “सरकारी अराजकता” के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।