चांडिल : ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा संगठन में गुटबाजी चरम पर पहुंच गया था. ईचागढ़ भाजपा में जितने नेता उतने गुट की चर्चा चारों ओर थी. भाजपा के पूर्व विधायक साधुचरण महतो की मृत्यु के बाद ईचागढ़ में नेतृत्व की कमी साफ देखा जा रहा था. बीते दिनों संगठन के सदस्यों ने ही एक-दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए थाना में मामला भी दर्ज कराया था.

एक ही दिन एक ही स्थान पर कुछ दूरी में संगठन के अलग-अलग कार्यक्रम भी कर चुके हैं. वहीं गुटबाजी को पाटने और सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास भी किए जा रहे थे. इसी बीच पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह की भाजपा में वापसी की खबर आ गई. मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ पूर्व विधायक अरविंद सिंह भाजपा में वापसी करेंगे. इसको लेकर चांडिल डैम के निकट रिसोर्ट में कार्यक्रम होगा, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी शामिल होंगे.
भाजपा में वापसी के बाद क्या पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह सभी नेता व कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाने में सफल होंगे. वर्ष 2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिवंगत साधुचरण महतो और अरविंद सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट की घटना घटी थी. 2014 के चुनाव के दौरान घटी मारपीट की घटना में दिवंगत साधुचरण महतो और अरविंद सिंह भी शामिल थे. घटना में दिवंगत साधुचरण महतो के हाथ की अंगुली टूट गया था और कई लोगों को चोटें लगी थी. पूर्व विधायक साधुचरण महतो की मृत्यु हो चुकी है.

उनके समर्थक अब भी भाजपा में ही हैं. ऐसे में पूर्व विधायक अरविंद सिंह के भाजपा में वापसी के बाद क्या दिवंगत साधुचरण महतो के समर्थक उनके साथ एक मंच पर आएंगे. ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग गुटों में बंटी भाजपा कार्यकर्ताओं को क्या अरविंद सिंह एक मंच पर ला पाएंगे. सभी को एकजूट कर संगठन को मजबूत बनाने में सफल हो पाएंगे. इन सवालों को लेकर अब चर्चा का बाजार गर्म है. ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में किसी भी राजनीतिक दल का दबदबा नहीं रहा है. चुनाव के दौरान ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मिजाज कुछ जुदा ही रहा है.
अधिकतर चुनाव में मतदाताओं ने परिवर्तन का जनादेश दिया है. यही कारण रहा कि अब तक के चुनावी इतिहास में कोई भी प्रत्याशी यहां हैट्रिक नहीं लगा सका है. वर्ष 1967 में अस्तित्व में आए ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक दो ही विधायक ऐसे रहे जिन्होंने लगातार दो बाद चुनाव जीता है. वर्ष 1977 व 1980 में हुए विधानसभा चुनाव में फारवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार घनश्याम महतो (अब स्वर्गीय) ने और वर्ष 1995 व 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार निर्दलीय और एक बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने लगातार दो चुनाव जीते हैं. उनकी छवि एक कद्दावर नेता के रूप में है.
