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झारखंड में पकड़े गए सात इंटरनेशनल साइबर ठग, 100 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी

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देश और विदेशों में लोगों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जमशेदपुर के गोलमुरी से शनिवार को पुलिस ने इस गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे 5 लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड के अलावा अन्य सामान बरामद किए गए हैं। आरोपियों में छह पश्चिम बंगाल के, जबकि एक जमशेदपुर के गोलमुरी का निवासी है।

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100 से ज्यादा लोगों को बनाया टारगेट
इस गिरोह ने देश और विदेश के 100 से अधिक लोगों को निशाना बनाते हुए करोड़ों रुपयों की ठगी की है। इनसे गोलमुरी थाने में पूछताछ की जा रही है। रविवार को पुलिस इस गिरोह का खुलासा करेगी। गिरफ्तारी की पुष्टि एसएसपी किशोर कौशल ने की है।

तमिलनाडु में ठगी से मिला लिंक
पहली बार ऐसा गिरोह पकड़ा गया है, जो विदेशों में लोगों को कॉल कर और उन्हें मैसेज भेजकर अपने जाल में फंसाता था। उन्हें तरह-तरह के ऑफर व निवेश की जानकारी देकर ठगी करता था। इस गिरोह ने तमिलनाडु के एक व्यापारी को भी अपना शिकार बनाया। इसके बाद मामला पुलिस के पास आया। तामिलनाडु से जांच करते हुए पुलिस टीम को जमशेदपुर के बारे में पता चला। इसके बाद गोलमुरी के एक कमरे में छापेमारी कर सातों को गिरफ्तार किया गया। यहां ये लोग एक मकान किराए में लेकर उस कमरे को ठगी का कार्यालय बना रखा था।

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जामताड़ा के बाद साइबर अपराधियों का केंद्र बन रहा जमशेदपुर
साइबर अपराधियों के झारखंड में जामताड़ा के बाद जमशेदपुर बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। पिछले दिनों घाटशिला के एक मकान से भी आधा दर्जन साइबर अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा था। वे भी गोलमुरी की तरह ही वहां सेटअप बनाकर देश के कई जगहों से ठगी कर चुके थे। उन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद देश के कई जगहों पर हुई ठगी का पर्दाफाश हुआ था। इससे पहले जमशेदपुर के साइबर ठगों का हरियाणा के नूंह का भी कनेक्शन मिल चुका है। यहां से की गई ठगी में नूंह के गिरोह के भी शामिल होने का पता चला था। वहीं, गिरोह द्वारा ठगी के लिए किसानों के खाते के इस्तेमाल का भी भंडाफोड़ हुआ था। गोलमुरी में पकड़े गए गिरोह से कई मामलों का खुलासा हो सकता है।

क्रिप्टो एक्सचेंज को 10 हजार लोगों की आईडी बनाई थी
इस गिरोह की ठगी का तरीका क्रिप्टो एक्सेंज भी था। विदेश के लोगों को ये बताते थे कि वे दुबई की कंपनी से जुड़े हैं और डीजीसी और जीडीसी क्वाइन में इन्वेस्ट कराते थे। आरोपी बिटक्वाइन की तरह फायदा होने का लालच देते थे। इनलोगों ने क्रिप्टो एक्सचेंज के नाम पर लगभग 10 हजार लोगों की आईडी बनाई थी। कभी-कभी विदेश के लोगों के साथ ही ऑनलाइन हाई प्रोफाइल सेमिनार कराते थे।

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