
दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए 9 अप्रैल की तारीख बहुत अहम है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री को न्यायिक हिरासत से राहत मिलेगी या उन्हें अभी कुछ दिन और जेल में ही रहना पड़ेगा इस पर दिल्ली हाई कोर्ट मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे अपना फैसला सुनाएगी।

बता दें सीएम केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि यह लोकतंत्र, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की मूल संरचना का ‘उल्लंघन’ है।
ईडी ने सीएम केजरीवाल की इस याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी केजरीवाल आगामी चुनावों के आधार पर गिरफ्तारी से “छूट” का दावा नहीं कर सकते क्योंकि कानून उन पर और “आम आदमी” पर समान रूप से लागू होता है।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था, जब उच्च न्यायालय ने उन्हें संघीय धन शोधन रोधी एजेंसी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट द्वारा केजरीवाल की ईडी को दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उन्हें 1 अप्रैल को मामले में केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
गौरतलब है कि ये मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान ईडी ने गिरफ्तारी को आगामी आम चुनाव से जोड़ने के केजरीवाल के आरोप को खारिज कर दिया था।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की ओर से पेश होते हुए अदालत में दलील दी थी कि अपराधियों और विचाराधीन कैदियों को यह कहने का अधिकार नहीं हैं कि हम अपरा करेंगे और अरेस्ट नहीं किए जाएंगे क्योंकि चुनाव आ गए हैं। ईडी के वकील ने कहा था ये पूरी तरह से हास्यस्पद है। इससे अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जाएगा। अगर किसी आम आदमी ने अपराध किया है तो उसे सलाखों के पीछे जाना होगा लेकिन क्योंकि केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं इसलिए आपको अरेस्ट नहीं किया जा सकता?
हाईकोर्ट में ईडी की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील देते समय ये भी कहा था कि आप कितना भी हंगामा करें लेकिन यह स्पष्ठ है कि घोटाला हुआ है और जनता के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी पैसे से वंचित किया गया है।