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पाला बदलने की अटकलों के बीच चंद्रबाबू नायडू ने कहा-एनडीए के साथ रहेगी टीडीपी की वफादारी

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लोकसभा चुनाव की तस्वीर अब साफ हो चुकी है। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने बहुमत तो पा ली है लेकिन बीजेपी अकेले अभूमत के आंकड़े से दूर रह गई है। ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दलों, तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पर निर्भर होना पड़ रहा है। ऐसे में ये चर्चा तेज है कि विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल रह चुके जेडीयू और टीडीपी एकबार फिर अपने पुराने गठबंधन में लौट सकते हैं।

पाला बदलने की इन खबरों के बीच टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का बयान सामने आया है। उन्होंने पाला बदलने की सभी संभावनाओं से इनकार करते हुए एनडीए के साथ बने रहने की बात की है। उनका कहना है कि उनकी वफादारी एनडीए के साथ बनी रहेगी।

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चंद्रबाबू नायडू एनडीए बैठक के लिए आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से दिल्ली के लिए रवाना हुए

टीडीपी और उसके सहयोगियों ने आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 175 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 164 सीटें जीतकर भारी जनादेश हासिल किया। जबकि लोकसभा चुनाव में टीडीपी को आंध्रा में 25 में से कुल 16 सीटें मिली हैं।

‘एनडीए के साथ रहेगी हमारी वफादारी’

अमरावती के उंदावल्ली स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए नायडू ने टीडीपी को इंडिया ब्लॉक गठबंधन से निमंत्रण मिलने की अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

नायडू ने कहा, “मैं कई वर्षों से राजनीति में हूं और मैंने देश में कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं। हम एनडीए में हैं और मैं एनडीए सहयोगियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज दोपहर नई दिल्ली जा रहा हूं। नई दिल्ली से लौटने के बाद मैं आपको सारी जानकारी बताऊंगा।”

टीडीपी प्रमुख ने विधानसभा चुनाव में होनी जीत का श्रेय अपने गठबंधन सहयोगियों, भाजपा और जनसेना पार्टी (जेएसपी) को दिया है। उन्होंने कहा, “यह एक संयुक्त प्रयास है, और हम सभी समान हैं। मैं सत्ता विरोधी वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए गठबंधन बनाने की पहल करने के लिए जन सेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण को धन्यवाद देता हूं। भाजपा भी लोकतंत्र बचाने के मिशन में शामिल हो गई।”

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’45 साल के राजनीतिक जीवन में यह चुनाव ऐतिहासिक’

विधानसभा चुनाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अपने 45 साल के राजनीतिक करियर में जितने भी चुनाव देखे उसमें से यह चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव था। नायडू ने कहा कि 1994 के बाद यह सबसे बड़ा जनादेश था जब टीडीपी भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी और सदन में विपक्ष का कोई नेता नहीं था।

उन्होंने कहा, “एनडीए को 55.38% वोट मिले, जिसमें टीडीपी को 45.60% वोट मिले, जबकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को केवल 39.37% वोट शेयर मिले।” उन्होंने बताया कि विदेशों से भी मतदाता वोट देने के लिए अपने गृहनगर लौट आए। उन्होंने कहा, “जो लोग काम की तलाश में पड़ोसी राज्यों में गए थे वे भी वोट डालने के लिए अपने गांव वापस आए। मैं हर उस मतदाता को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने टीडीपी और सहयोगियों पर भरोसा जताया।”

पार्टी और गठबंधन पर भरोषा जताने के लिए किया जनता का धन्यवाद

नायडू ने एकजुट रहने और टीडीपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, “ऐसी स्थिति में भी जब उन्हें जय जगन कहने के लिए परेशान किया गया, वे अपने “जय टीडीपी” और “जय चंद्रबाबू” नारे पर अड़े रहे। हमने पिछले पांच साल लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करते हुए बिताए, हम आज सफल हुए हैं।”

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नायडू ने जोर देकर कहा कि अंततः लोगों की जीत होनी चाहिए और राज्य के विकास के लिए खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम राज्य पर जिम्मेदार तरीके से शासन करेंगे और आंध्र प्रदेश का पुनर्निर्माण करेंगे और उसका गौरव बहाल करेंगे।”

टीडीपी ने विधानसभा चुनाव में 135 तो लोकसभा में जीतीं 16 सीटें

175 सीटों में से, टीडीपी ने अकेले 135 सीटें जीतीं, जबकि सहयोगी जेएनपी को 21 और बीजेपी को 8 सीटें मिलीं हैं। युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को 11 सीटें मिलीं। जबकि लोकसभा में, टीडीपी ने 16 सीटें जीतीं, बीजेपी को 3 और जेएनपी ने 2 सीटें जीतीं, जिससे गठबंधन की राज्य में कुल सीटें 21 हो गईं।