एक नई सोच, एक नई धारा

इतने दिनों तक जांच नहीं हुई पूरी तो ईडी को लौटानी होगी प्रॉपर्टी

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नई दिल्ली : पिछले कुछ सालों में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की कार्रवाई में तेजी आई है. हालिया स्थिति की बात की जाए तो ईडी की कार्रवाई की खबरें बहुत आम हो गई हैं. इसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जब्त की गई संपत्ति पर 365 दिनों के अंदर जांच नहीं करती है, तो उसे वापस कर दिया जाएगा. जस्टिस नवीन चावला की अदालत ने यह फैसला भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया.

क्या थी याचिका?

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याचिका में कहा गया था कि ईडी ने 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कंपनी के कई डॉक्युमेंट्स, रिकॉर्ड, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट्स और 85 लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू के सोने और हीरों की ज्वैलरी को जब्त कर लिया था. बीपीएसएल ने आरोप लगाया कि ईडी ने 365 दिनों से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद जांच पूरी नहीं की है और न ही इस मामले में कोई चार्जशीट दायर की है.

अदालत ने बताई ये बातें

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अदालत ने माना कि 365 दिनों से ज्यादा समय तक प्रॉपर्टी को जब्त रखना “गैर-कानूनी होगा.” यह संविधान के आर्टिकल 300A का उल्लंघन है, जो किसी भी व्यक्ति के संपत्ति को मनमानि तरीके से लेने से रोकता है.

अदालत ने ईडी को दिया आदेश

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अदालत ने आदेश दिया कि ईडी बीपीएसएल को उसकी जब्त की गई संपत्ति वापस कर दे. यह फैसला उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जिनकी संपत्ति ईडी ने पीएमएलए के तहत जब्त की है. यह फैसला ईडी को मनमानी तरीके से लोगों की संपत्ति जब्त करने से रोकेगा और इसकी जांच टाइम लिमिट के अंदर पूरी करनी होगी.