एक नई सोच, एक नई धारा

झारखंड की दो बेटियां पद्मश्री से सम्‍मानित, एक ने खेल एक ने पर्यावरण के नाम की ज़िन्दगी

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चामी मुर्मू

जमशेदपुर : गुरुवार की शाम कोल्हान के लिए तब दोहरी खुशी लेकर आई, जब केंद्र सरकार ने जमशेदपुर के बिरसानगर की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो व सरायकेला-खरसावां की आदिवासी पर्यावरणविद चामी मुर्मू को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की। यह पुरस्कार पूर्णिमा को खेल के क्षेत्र में तथा चामी को पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करने के लिए देने की घोषणा हुई है।

मैं बहुत खुश हूं: पूर्णिमा महतो

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उधर, पुरुलिया (बंगाल) के दुखु मांझी का भी चयन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए इस पुरस्कार के लिए किया गया है। इधर, दैनिक जागरण से बातचीत में पूर्णिमा महतो ने कहा कि मैं काफी खुश हूं। केंद्र सरकार और टाटा स्टील के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि पद्मश्री मिलने की घोषणा मात्र से और अधिक जिम्मेवारी महसूस कर रही हूं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य शख्सियतों ने पूर्णिमा व चामी को बधाई दी है।

पूर्णिमा ने देश के नाम किए अनगिनत तीरंदाज

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तीरंदाज लिंबा राम के साथ पूर्णिमा महतो

टाटा तीरंदाजी अकादमी की कोच पूर्णिमा को 29 अगस्त, 2013 को उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें द्रोणाचार्य के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बिरसानगर के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली पूर्णिमा ने अपनी जीवटता व जुनून से तीरंदाजी की दुनिया में अलग पहचान बनाई और पद्मश्री दीपिका कुमारी, जयंत तालुकदार और डोला बनर्जी जैसे अनगिनत तीरंदाज देश के नाम समर्पित किए।

लंदन ओलंपिक में भी भारतीय टीम के साथ रहीं

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2008 ओलंपिक तीरंदाजी टीम की कोच रही पूर्णिमा ने लंदन ओलंपिक में भी भारतीय टीम के साथ रहीं। 1992 में राज्य तीरंदाजी टीम में पहली बार उनका चयन हुआ। वह कई वर्षों तक राष्ट्रीय चैंपियन रहीं। 1993 में अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी की टीम स्पर्धा में पदक जीतने वाली पूर्णिमा ने 1994 में पुणे में आयोजित नेशनल गेम्स में छह स्वर्ण जीतकर तहलका मचा दिया। 1994 में आयोजित एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पूर्णिमा ने 1997 में सीनियर नेशनल में रिकार्ड के साथ दो स्वर्ण अपने नाम किए।

1998 से दे रहीं टाटा तीरंदाजी अकादमी में प्रशिक्षण

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1998 कामनवेल्थ गेम्स में रजत हासिल करने वाली बिरसानगर की इस बाला ने 1994 में टाटा तीरंदाजी अकादमी में प्रशिक्षण देना शुरू किया। 2005 में स्पेन में आयोजित भारतीय टीम ने रजत पदक जीता। 2007 में सीनियर एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में पुरुष टीम ने स्वर्ण व महिला टीम ने कांस्य पर कब्जा जमाया। उधर, चामी, पेड़ों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं।

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