जमशेदपुर : सरदार शैलेन्द्र सिंह और स्टेशन रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान द्वारा झारखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हाजी हिदायतुल्लाह खान को सम्मानित किया गया। जिसकी एक तस्वीर वायरल हो गयी। जिसमें अध्यक्ष हाजी हिदायतुल्लाह खान को गुरुनानक देव जी की तस्वीर देकर सम्मानित किया जा रहा है और इस दौरान अध्यक्ष जी चप्पल पहनें हुए हैं और उनका सर भी नहीं ढंका है, साथ ही इस तस्वीर में उनके साथ सरदार शैलेन्द्र सिंह, स्टेशन रोड गुरुद्वारा के प्रधान महेन्द्र सिंह और कई गणमान्य सिख उसमें मौजूद हैं। (जारी…)

इस तस्वीर के वायरल होते ही जमशेदपुर सिख समुदाय में एक रोष देखने को मिला और यह रोष सबसे ज्यादा सरदार शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ देखने को मिला। इसका सबसे बड़ा कारण यह कहा जा रहा है कि सरदार शैलेंद्र सिंह कई गरिमामय पद पर रहें है और आज भी है और उनके होते हुए सिख धर्म की आस्था और मर्यादा के साथ खिलवाड़ हुआ है। इस बाबत तीसरी धारा न्यूज़ की तरफ से जमशेदपुर के कई गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधानों और सिख समाज के प्रबुद्ध लोगों से विचार लिए गए। देखें किसने क्या कहा –
सम्मानित करने से पहले सिख मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए था – तारा सिंह


सोनारी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार तारा सिंह ने कहा कि सरदार शैलेंद्र सिंह द्वारा यह गलत कार्य हुआ है और इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्हें सम्मानित करने से पहले सिख मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था। वह झारखण्ड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं और इससे पूर्व पटना हरमिंदर साहिब के वाईस प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं तो इन्हें इसका ज्ञात होना चाहिए था। उन्होंने गलती की है और इसकी सजा तो उन्हें मिलनी चाहिए और उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। अब इस पर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी क्या एक्शन लेगी ये उनपर निर्भर करता है।
सीजीपीसी को उन्हें पद से निरस्त कर देना चाहिए – हरविंदर सिंह मंटू


साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह मंटू ने इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरु की तस्वीर देकर उन्हें सम्मानित करना चाहिए जो उनका मान रख सके। जहाँ सिख समाज के सभी लोग नंगे पांव हैं वहीं अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष चप्पल पहने हुए हैं और सर भी ढंके नहीं है। यह बेहद निंदनीय है। इस मुद्दे पर सरदार शैलेन्द्र सिंह पर एक्शन होना चाहिए या नहीं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सरदार शैलेन्द्र सिंह सिख समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी उपस्थिति में ऐसा कृत्य होना शर्मनाक है। उन्हें यह सोचना चाहिए था कि इससे समाज पर गलत प्रभाव जाएगा। उनपर जरूर एक्शन लिया जाना चाहिए और सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक्शन लेते हुए उन्हें उनके पद से निरस्त कर देना चाहिए।
जिन्हें रक्षक बनाया है वह ऐसा कार्य करें तो यह शोभनीय नहीं है, माफी मांगनी चाहिए – जगदीश सिंह

जेम्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह ने इस कृत्य को बेहद ही दुःखद बताते हुए कहा कि उस तस्वीर को देख कर काफी दुख हुआ और सबसे बड़ी बात यह है कि सीजीपीसी के चेयरमैन उस तस्वीर में मौजूद है। इस पर सीजीपीसी को संज्ञान लेना चाहिए। उम्मीद है कि सीजीपीसी इस पर संज्ञान लेते हुए जो फैसला करेगी वह जमशेदपुर के संगत के हित में होगा। उन्होंने इस बाबत जेम्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हाजी हिदायतुल्लाह खान द्वारा सिख समाज से माफी मांगने की माँग करते हुए कहा है कि जिस तरफ वह मस्जिद में चप्पल पहन के और नंगे सर नहीं जाते हैं उसी प्रकार उन्हें अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष होने के नाते सिख धर्म का भी मान रखना चाहिए था। जिन्हें हमारा रक्षक बनाया गया है वह ऐसा कार्य करें यह शोभनीय नहीं है इसलिए उन्हें पूरे सिख समाज से माफी मांगना चाहिए और पुनः इस तरह की कोई घटना घटित नहीं होगी इसका आश्वासन देना चाहिए।
शैलेन्द्र सिंह सिख कौम से माफी माँगे और उन्हें सार्वजनिक मंच से बोलने नहीं दिया जाए – कुलविंदर सिंह


बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह ने इस बाबत रोष जताते हुए कहा कि शैलेंद्र सिंह को सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कौम और पंथ को शर्मिंदा किया है। उन्हें यदि किसी को सम्मानित करना है तो उन्हें उन्हें सिख रिवायत और मर्यादा बता देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि तस्वीर में मौजूद किसी भी शख्स को सिख मर्यादा से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बात को वह सीधे श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहब जत्थेदार जी को भेजूंगा। जहां वह इस पर फैसला करें कि जब पूर्व कार्यवाहक प्रधान जैसा शख्शियत यह करेगा तो आम सिख क्या करेंगे।
उन्होंने केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह से अपील की है कि जब तक उनका मामला निपट नहीं जाता, उन्हें सार्वजनिक मंच से बोलने नहीं दिया जाए।
कुछ प्रधान इस मुद्दे पर बोलने से बचते नज़र आये


इस मसले पर जब 10 नम्बर बस्ती गुरुद्वारा के प्रधान सुरजीत सिंह खुशीपुर से उनकी राय जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और अभी वह इस पर कुछ भी कह नहीं सकते। उन्होंने बोला कि यह पंथ का मामला है और इस पर बिना सोचे समझे कुछ कहना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमारा पंथ कुछ कहे और हम कुछ कहे यह सही नहीं होगा इसलिए इस मामले में अभी कुछ नहीं कह सकता हूँ।
वहीं सीतारामडेरा के नवनियुक्त प्रधान हरजिंदर सिंह ने भी मीटिंग में होने का हवाला देते हुए इस मामले में कुछ नहीं कहा।
इस बाबत जब और लोगों से पूछा गया कि कुछ गुरुद्वारों के प्रधान इस मामले में अपने विचार नहीं दे रहें है इस पर उनका क्या राय है तो ज्यादातर लोगों का यह कहना था कि गुरुद्वारा के प्रधान के रूप में सिख समाज के प्रतिनिधित्व करने वाले जब पंथ का अपमान हो और वह कुछ न कहे तो उन्हें प्रधान के पद पर आसीन होने का अधिकार भी नहीं है। धर्म और समाज के हित मे सही और गलत का पहचान नहीं करने वाले, एक औहदे पर होते हुए भी मसलों से अनभिज्ञ रहने वाले, किसी भी तरह का बहाना बनाकर पंथ से आगे रहकर निजी स्वार्थ हित और निजी रिश्तों को निभाने वाले सिख समाज के सबसे बड़े दुश्मन है और ऐसे लोग के प्रतिनिधित्व में समाज का विकास कभी भी नहीं हो सकता है, सिर्फ निजी विकास हो सकता है।