एक नई सोच, एक नई धारा

हुल क्रांति दिवस पर भुइयांडीह स्थित सिद्धू – कानू की प्रतिमा पर भाजपा नेता अभय सिंह ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी

IMG 20240630 WA0005
IMG 20240630 WA0008

जमशेदपुर : 30 जून 1855 भोगनाडीह जिला साहेबगंज में हुए हुल क्रांति दिवस की याद में आज भुइयांडीह स्थित देश के महान क्रांतिकारी, अंग्रेजी सरकार के चूल हिला देनेवाले आंदोलन के जनक सिद्धू – कानू के आदमकद प्रतिमा में भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह के नेतृत्व में भारी संख्या में एकत्रित होकर सभी कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

इस ऐतिहासिक दिन में अभय सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। आज के ही दिन वर्षों पहले 30 जून 1855 को अंग्रेजों के विरोध में जमींदारी, सामंतवादी एवं आदिवासियों के ऊपर अत्याचार असहनीय पीड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ में भोगनाडीह के इलाके में आदिवासियों ने अंग्रेजों का विरोध हुआ था।

IMG 20240309 WA00281

साथ ही इस आंदोलन का मुख्य विषय यह था कि अंग्रेज संथाल परगना इलाके में आदिवासियों के अस्मिता संस्कृति को खतरे में डाला था, इससे आजिज़ होकर आदिवासियों ने कड़ा प्रतिकार एवं प्रतिशोध के शंखनाद किए थे और बिहार, बंगाल, उड़ीसा से 10000 से भी अधिक आदिवासी जिसमें अधिकतर संथाली थे अपने परंपरागत हथियार तांगा, फरसा बरछी, तीर ,धनुष, तलवार लेकर वे अंग्रेजों के विरोध में उलगुलान किया और उसके बाद ठीक 2 वर्ष के बाद 1857 की क्रांति भी इसका एक स्रोत बना।

IMG 20240309 WA00271

सिद्धू कानू आदिवासी संस्कृति के लिए लड़े साथ ही अंग्रेजों के विरुद्ध में जिस प्रकार सभी लोगों ने हथियार उठाया था वह एकीकृत बंगाल में इसका व्यापक असर पड़ा था। पूरे देश के जनमानस में अंग्रेजों के होश हवास उड़ गए थे। उस समय तक आदिबासी समाज को एक कमजोर समाज समझा जाता था पर यह आंदोलन ने अंग्रेजों के छक्के उड़ा दिए थे।

IMG 20240309 WA00261

क्या कमजोर व्यक्ति लोग भी एकत्रित होकर अंग्रेजों का विरोध कर सकते हैं ? यह केवल विरोध नहीं था बल्कि देश की आजादी का एक संकल्प भी था कि जिसे सिद्धू ,कानू, चंद, भैरव ने पूरा किया उसके बाद आदिवासी माता के कोख से कई ऐसे शूरवीर जन्म लिए। तिलका मांझी, बिरसा मुंडा जैसे लोग जो बाद में सिद्धू कानू को अपना आदर्श मानते हुए अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों के विरोध उन्होंने अभियान छेड़ा। आज उन्हीं की याद में भुइयाडीह स्थित प्रतिमा में कार्यकर्ताओं के द्वारा माल्यार्पण किया गया।

आज के कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के सारे कार्यकर्ता जिसमें प्रमुख रूप से शशि मिश्रा, राहुल सिंह ,घनश्याम पांडे, ललन चौहान, अमरिंदर मलिक, सूर्यकांत झा, किशोर ओझा, भूषण दीक्षित, शेखर राव, सुमित श्रीवास्तव, लोकनाथ त्रिपाठी, बबलू नायक, सरदार सरदार रविंद्र सिंह रिंकू, शंकर सिंह, मनमोहन राय, देव भंडारी,अंकित शुक्ला, बिक्की सिंह, सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।