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झारखंड: चिकित्सकों का आज कार्य बहिष्कार, ठप रहेगी ओपीडी सेवाएं

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राज्यभर के सरकारी और निजी चिकित्सकों ने बुधवार को आईएमए और झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार करने का एलान किया है। हालांकि अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज की सुविधा मिलती रहेगी। आईएमए और झासा चिकित्सकों पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ गोलबंद हैं। वे मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। निजी और सरकारी सभी डॉक्टर्स इस प्रोटेस्ट में शामिल रहेंगे।

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भारत को मुस्कुराता हुआ कल चाहिए तो डॉक्टरों की समस्या का हल होना चाहिए- डॉ भारती कश्यप

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर इंडिया झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने कहा कि आईएमए और झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार का समर्थन करते हैं। इस दिन ओपीडी सेवाओं को ठप रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, प्रताड़ना और हिंसक घटनाओं से हम सभी आहत हैं। आईएमए वीमेंस विंग की राष्ट्रीय सह अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने कहा कि जब हर राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है तो फिर झारखंड में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को मुस्कुराता हुआ कल चाहिए तो डॉक्टरों की समस्या का हल होना चाहिए। हमारी सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है। अफसरों और नेताओं को तानाशाही बंद करने की जरूरत है। घटना में जो भी लोग शामिल होते हैं वैसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है।
वहीं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन(रिम्स) के अध्यक्ष डॉ जयदीप चौधरी ने कहा कि आईएमए और झासा के आह्वान पर जेडीए के सभी सदस्य आज कार्य बहिष्कार करेंगे। हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में जेडीए पूरी मजबूती के साथ कार्य बहिष्कार को अपना समर्थन करता है।

बीते 15 दिनों में चिकित्सकों के साथ घटी घटनाएं

◆ रांची के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अंचल कुमार पर जानलेवा हमला।
◆ गढ़वा में जनप्रतिनिधियों द्वारा सिविल सर्जन, उपाधीक्षक एवं डीपीएम को गाली गलौज व मारपीट।
◆ हजारीबाग उप विकास आयुक्त द्वारा पीडियाट्रिक हेड के साथ बदसलूकी तथा कॉलर पकड़कर बाहर निकालने की घटना।
◆ जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी द्वारा सिविल सर्जन को धमकी और कार्य में हस्तक्षेप।
◆ पेटरवार में डॉ अजय चौधरी के साथ मारपीट की घटना।
◆ लोहरदगा सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार को जान से मारने की धमकी।
◆ रिम्स के डॉक्टर सौरव की मृत्यु के पश्चात सरकार द्वारा परिवार के साथ सौतेला व्यवहार।