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झारखंड में 60 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य, कल से शुरू होगी खरीदारी

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झारखंड सरकार ने लगभग 60 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है. धान खरीद की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

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अधिकारी ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के लिए राज्य में कुल 783 धान क्रय केंद्र स्थापित किये गये हैं.

मंत्री ने सांसदों-विधायों से की धान क्रय केंद्रों का दौरा करने की अपील

राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों, सांसदों और विधायकों से अपने-अपने क्षेत्रों में क्रय केंद्रों का दौरा करने और इस पहल की शुरुआत करने की अपील की.

60 लाख क्विंटल धान की खरीद का है लक्ष्य

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से धान 2,450 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी. राज्य के ई-उपार्जन पोर्टल के अनुसार, अधिकारियों ने लगभग 60 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है.

81 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देगी झारखंड सरकार

झारखंड मंत्रिमंडल ने 8 दिसंबर को फैसला किया था कि राज्य के किसानों को वित्त वर्ष 2025-26 में धान की फसल के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा 81 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस मिलेगा.

Paddy Procurement in Jharkhand: 2450 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होगी धान की खरीद

राज्य मंत्रिपरिषद ने किसानों से धान की खरीद के बदले बोनस के रूप में 48.60 करोड़ रुपए की राशि को भी मंजूरी दी. अधिकारी ने बताया कि एमएसपी और बोनस मिलाकर 2,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

किसानों इस बार एकमुश्त मिलेगी धान की कीमत

उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली धान की राशि का एकमुश्त भुगतान मिलेगा, न कि पहले की तरह किश्तों में भुगतान किया जायेगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि सरकार पर धान की खरीद में देरी करने और किसानों को अपनी उपज न्यूनतम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया.

1500-1600 रुपए की दर से धान बेच रहे किसान

विपक्ष के नेता और भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आरोप लगाया था कि सरकारी खरीद की प्रक्रिया अब तक तक शुरू नहीं हुई है. किसानों को अपना धान खुले बाजार में मात्र 1,500 रुपए और 1,600 रुपए प्रति क्विंटल के मामूली भाव पर बेचना पड़ रहा है.