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आजसू के न्याय मार्च में सुदेश महतो का हेमंत सोरेन पर हमला

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आजसू ने गुरुवार को राज्यभर में न्याय मार्च निकाला. इस मौके पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने राजधानी रांची के बापू वाटिका से समाहरणालय तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान वह सरकार के खिलाफ जमकर बरसे.

रांची: हेमंत सरकार के खिलाफ इन दिनों विपक्षी दल सड़कों पर उतरने में जुटे हैं. भारतीय जनता पार्टी के सचिवालय घेराव के बाद गुरुवार को आजसू ने राज्य सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर न्याय मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में आजसू कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और सरकार विरोधी नारे लगाए. राजधानी रांची में न्याय मार्च का नेतृत्व आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने किया.

रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समीप जमा हुए आजसू कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर न्याय मार्च की शुरुआत की. मोरहाबादी बापू वाटिका से आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता समाहरणालय पहुंचे. इस दौरान सरकार के नियोजन नीति, राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आजसू सुप्रीमो ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा. सुदेश महतो ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है, उन्हीं अधिकारियों की तैनाती की जाती है जो इस तरह के कारनामों में माहिर माने जाते हैं. ऐसे में राज्य की जनता अब जान चुकी है कि यह सरकार जो वादा करके आई थी उसे पूरा करने में विफल रही है. इसलिए आने वाले समय में जनता इनके काले कारनामों के लिए जरुर सबक सिखाएगी.

सामाजिक न्याय महीना मना रही आजसू: 

भ्रष्टाचार नियोजन नीति सहित सात मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर उतरी आजसू पार्टी ने अप्रैल महीने को सामाजिक न्याय महीना घोषित कर रखा है, जिसके तहत सभी जिला मुख्यालयों पर न्याय मार्च निकालकर सरकार के विरोध में उलगुलान की शुरुआत की है. न्याय मार्च की शुरुआत करते हुए आजसू नेता देवशरण भगत ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने अपने 3 वर्षों के कार्यकाल में झारखंड की भावना, उम्मीद और जनादेश के साथ जो विश्वासघात किया है उससे जनता उब चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने युवा किसान, मजदूर, गरीब, बुजुर्ग सभी को ठगने का काम किया है. 3 साल में कोई वैकेंसी नहीं, परीक्षा नहीं, ऐसे में नियुक्तियां और बहाली पूरी तरह से ठप रही. जबकि खुद मुख्यमंत्री ने पब्लिक डोमेन में वादा किया था कि सत्ता में आते ही पहले साल 5 लाख नौकरियां देंगे.

न्याय मार्च के दौरान आजसू प्रमुख सुदेश महतो के संबोधन के बाद जिला प्रशासन को पार्टी की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा गया. न्याय मार्च में बड़ी संख्या में आजसू के महिला कार्यकर्ता एवं युवा कार्यकर्ता शामिल थे जो सरकार विरोधी नारे लगाते देखे गए. इन सबके बीच समाहरणालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस वालों की तैनाती की गई थी.

रांची के अलावा बोकारो में भी आजसू ने प्रदर्शन किया: 

बोकारो जिला मुख्यालय में चंदनकियारी की ओर से पूर्व मंत्री उमाकांत रजक और गोमिया से विधायक लंबोदर महतो के अलावा बोकारो जिले के पार्टी अध्यक्ष सचिन महतो ने न्याय मार्च निकाला. सभी लोग अलग-अलग गुटों में उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की इस दौरान नेताओं ने चुनाव पूर्व जेएमएम के मेनिफेस्टो में किए गए स्थानीय नीति ओबीसी आरक्षण नियोजन नीति को लागू करने की मांग की गई.

गोड्डा में प्रदर्शन: 

गोड्डा में राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में आजसू द्वारा रैली निकाली गई जो गोड्डा कॉलेज से चलकर समाहरणालय तक गयी. आजसू द्वारा प्रस्तावित सामाजिक न्याय रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी थी. इस मौके पर केंद्रीय कार्यसमिति आजसू सदस्य दीपक मंडल ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है. अभ्यर्थियों की उम्र समाप्त हो रही है, ऐसे में सरकार को उम्र में छूट के साथ ही वेकैंसी देने को जरूरत है. वहीं आजसू जिला अध्यक्ष सुरेश महतो ने कहा कि झारखंड सरकार को स्थानीय नीति लागू हर बेरोजगार युवा को नौकरी देनी चाहिए अन्यथा आजसू सरकार की गलत नीतियों का लगातार विरोध करती रहेगी.

जमशेदपुर में प्रदर्शन: 

जमशेदपुर में भी झारखंड सरकार की नीतियों के खिलाफ आजसू द्वारा सामाजिक न्याय मार्च निकाली गई. पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस के नेतृत्व में निकलने वाली पैदल मार्च में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. राज्य के पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि झारखंड सरकार अपने वादे को निभाने में विफल रही है. सरकार आम जनता और युवाओं को ठगने का काम कर रही है.