एमजीएम अस्पताल में मरीजों से मुलाकात का समय एक बार फिर निर्धारित किया गया है। अब 24 घंटे में मात्र तीन घंटे ही परिजन मरीज से मिल सकेंगे। सुबह में 7 से 8 और शाम में 5 से 7 बजे तक मुलाकात का समय निर्धारित किया गया है।

इस दौरान एक परिजन को ही वार्ड में जाकर मुलाकात की अनुमति होगी।
नव पदस्थापित एसडीओ पारुल सिंह की सख्ती के बाद वार्डों में अनावश्यक भीड़ को कम करने के लिए यह पहल की गई है। डेढ़ साल पहले भी एमजीएम में मुलाकात का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन तत्कालीन प्रशासक एनके लाल के तबादले के बाद इसका अनुपालन नहीं हो रहा था। अब फिर से इसपर सख्ती शुरू कर दी गई है। हरेक वार्ड के बाहर होमगार्ड जवान को तैनात कर दिया गया है और मुलाकात को लेकर निर्धारित समय का बोर्ड भी लगा दिया गया है। वार्ड का मुख्य दरवाजा भी निर्धारित समय के बाद बंद रहता है। अस्पताल के आर्थो, गायनी, शिशु, सर्जरी, नेत्र, ईएनटी, बर्न, इमरजेंसी समेत अन्य 14 विभागों के वार्डों में उक्त व्यवस्था लागू की गई है। हर दिन अधीक्षक और उपाधीक्षक इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं।

भर्ती करने के समय दिया जा रहा पास
एमजीएम अस्पताल में भर्ती मरीज के एक परिजन को मुलाकात की अनुमति होगी। इसके लिए भर्ती होने के साथ ही परिजन को पास जारी किया जा रहा है। पास दिखाने के बाद ही परिजन निर्धारित समय में मरीज से मिल सकेंगे। यह पास 24 घंटे के लिए वैध होगा। इसके बाद जरूरत के अनुसार, दूसरा पास जारी किया जाएगा। वार्ड में अटेंडेंट की भीड़ को कम करने के लिए मरीज से मुलाकात का समय निर्धारित किया गया है। कई बार वार्ड के खाली बेड पर मरीज के परिजनों को कब्जा हो जाता था, जिससे मरीजों को परेशानी होती थी।
निर्धारित समय में परिजनों को वार्ड में जाकर मरीज से मिलने की अनुमति होगी। इसके लिए पास सिस्टम को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। हर वार्ड में इसकी मॉनीटरिंग के लिए होमगार्ड जवानों की ड्यूटी लगाई गई है
