एक नई सोच, एक नई धारा

परसुडीह पुलिस पर नशे के सप्लायर को संरक्षण देने का लगा गंभीर आरोप

1002106491

परसुडीह थाना पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. आरोप है कि नशे के अवैध कारोबार से जुड़े नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस उसे संरक्षण दे रही है, जबकि मामले की सूचना जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है.

मामला सोपोडेरा इलाके का है, जहां झामुमो के पंचायत अध्यक्ष विमल पाल का अपने पुराने दोस्त सूरज श्रीवास्तव से लंबे समय से विवाद चल रहा था. सूरज पर आरोप है कि वह नशे का आदी होने के साथ‑साथ अब ब्राउन शुगर की सप्लाई भी करने लगा है, जिसके खिलाफ विमल और उनके साथी कई बार उसे समझा चुके थे.

आरोप है कि 17 नवंबर की रात नशे की लत और अवैध कारोबार को लेकर डांट‑फटकार से नाराज सूरज ने विमल की बाइक में पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया और फरार हो गया. अगले दिन सूरज स्वयं विमल के पास आया और गुस्से में बाइक जलाने की बात स्वीकार की, जिसके बाद विमल उसे लेकर परसुडीह थाना पहुंचे, जहां उसने पुलिस के सामने भी अपराध कबूल कर लिया.

1002106490

विमल पाल का आरोप है कि स्वीकारोक्ति के बावजूद पुलिस ने सूरज को पूछताछ के बाद छोड़ दिया और कार्रवाई लंबित रखी, जबकि 21 दिन बाद जाकर एफआईआर दर्ज की गई. उनका आरोप है कि अभियुक्त को पैसे लेकर छोड़ा गया है, इसलिए वे पूरे मामले की शिकायत एसएसपी और राज्य के मुख्यमंत्री से करने की तैयारी में हैं.

विशेष बात यह है कि विमल सत्ताधारी दल से जुड़े हुए हैं और स्थानीय विधायक के करीबी माने जाते हैं, इसके बावजूद एफआईआर दर्ज होने में इतनी देरी हुई, जिससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच का हवाला दे रही है, लेकिन घटना ने यह कड़वी सच्चाई उजागर कर दी है कि नशा न केवल इंसान को, बल्कि रिश्तों और भरोसे को भी बर्बाद कर देता है.