आदित्यपुर : राष्ट्रीय हेल्थ फैमिली रिपोर्ट के सर्वे में झारखंड का सबसे कुपोषित जिले की सूची में सरायकेला पहले और पूर्वी सिंहभूम दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में दावा किया है गया है कि सरायकेला जिले में 23 फीसदी आबादी कुपोषण का शिकार है, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 16.8 फीसदी आबादी कुपोषण का शिकार है. इस बात का खुलासा बुधवार को रोटी बैंक के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में की. (जारी…)


जानकारी देते हुए रोटी बैंक के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि उनका लक्ष्य कुपोषण फ्री झारखंड बनाना है. उन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले के गांव में विलुप्त होती सबर जाति के परिवारों की स्थिति अच्छी नहीं है. पूर्वी सिंहभूम जिले के बड़ाबांकी गांव के 25 सबर परिवार केवल सरकार से मिल रहे 5 किलोग्राम चावल पर निर्भर है. जो तीनों वक्त पानी चावल खाकर जी रहे हैं. उनके इस रिपोर्ट पर डीसी पूर्वी सिंहभूम मंजूनाथ भजंत्री को राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने नोटिस भेजा है, जिन्हें 15 दिन में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है अन्यथा उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत समन भेजने की चेतावनी दी गई है. (जारी…)


उन्होंने बताया कि बड़ाबांकी गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भी है, लेकिन वहां की सेविका केवल डयूटी करने आती है, वह मानगो में रहती है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में झारखंड में हर साल 40 हजार बच्चे कुपोषण से मरते हैं. आज भी राज्य के 3 लाख से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में रोटी बैंक के 250 सदस्य प्रतिदिन 2 हजार परिवारों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में जुटा है.