तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब के प्रबंधन से झारखंड के 124 गुरुद्वारों के नाम काटे जाने पर विधायक सरयू राय ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और इस निर्णय में सुधार की मांग की है।

विधायक का कहना है कि श्री हरमंदिरजी पटना साहिब के पर्यवेक्षण के लिए एक 15 सदस्यीय समिति गठित है। 1955 में तख्त श्री हरमंदिरजी पटना साहिब प्रबंधन समिति में जिस समय दक्षिण बिहार की सिख सभाओं और सोसाइटी द्वारा एक सदस्य निर्वाचित होने का प्रावधान किया गया था, उस समय झारखंड और बिहार एक थे। समिति के लिए सदस्य निर्वाचन में झारखंड के गुरुद्वारों की भी भागीदारी थी। समिति के एक सदस्य के निर्वाचन के लिए चिन्हित दक्षिण बिहार के झारखंड क्षेत्र में कुल 124 गुरुद्वारे हैं, जबकि शेष क्षेत्र में मुश्किल से डेढ़ दर्जन गुरुद्वारे हैं।
संविधान के अनुसार, प्रबंधन समिति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जो पूरा हो गया है। इसके बाद सदस्यों ने बैठक कर दक्षिण बिहार से निर्वाचित होने वाले सदस्यों में से राज्य के सिखों की भागीदारी समाप्त कर दी, जो अनुचित है। जब अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ आदि की भागीदारी सदस्य के रूप में समिति में रह सकती है, तो झारखंड के प्रतिनिधि का भी भागीदारी अवश्य होनी चाहिए।