एक नई सोच, एक नई धारा

मागे पर्व की दिखी धूम, आदिवासी बहुल क्षेत्र में रहा हर्षोउल्लास

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जमशेदपुर : आदिवासी बहुल इलाकों में मागे पर्व की धूम शुरू हो गई है। शुक्रवार को हातु मुंडा गोमेया सुंडी की अगुवाई में आदिवासी हो समाज समिति संकोशाई ग्रामसभा द्वारा पर्व मागे पर्व का आयोजन किया गया। यहां पर्व का भव्य आयोजन रविवार तक होगा। मागे पर्व पर शुक्रवार को गांव के दियूरी प्रकाश सुंडी, सह दियूरी लक्ष्मण सोय के मार्गदर्शन में आदिवासियों के पूर्वजों के साथ-साथ देशावली में पूजा की गई। पूजा के जरिए समाज के लोगों को एकजुट लाने की कोशिश होती है। इसके साथ ही यह खेत के काम को खत्म करने के बाद एक-दूसरे के साथ खुशियों को बांटने का भी अवसर होता है। इस अवसर पर अच्छी बारिश की मन्नत मांगी जाती है।

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शुक्रवार को इस पर्व को पूरा करने में आदिवासी हो समाज समिति संकोशाई के सभी सदस्य, पदाधिकारी के अलावा जीतू सवैया, सूरजा सुंडी, छोटे सरदार, प्रकाश सोय, मेघनाद गोप, दामु सोय, बल्ले ,संतोष सुंडी, रोशन सामड, राजेश सुंडी, विशाल पूर्ति, दुर्गा दास, आकाश गगराई, गणेश राम, विक्टर हेंब्रम, अर्जुन बिरुली, सिकंदर सिंह, राहुल ऑरोन ने योगदान दिया। पूजा के बाद रविवार तक मागे पर्व की शृंखला में ही संस्कृति और पारंपरिक खेलकूद का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान 25 फरवरी को सेता आंदी (कुत्ता शादी) नामक कार्यक्रम भी होगा।

उलीडीह में भी दिखा उल्लास

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मागे पूजा का धार्मिक अनुष्ठान उलीडीह पूजा स्थल देशाउली पर दिउरी राजा विरुवा एवं उनके सहयोगी दिउरियों ने सम्पन्न कराया। सात दिनों से चल रहे अनुष्ठान का शुक्रवार को पांचवा दिन था। इस दिन मरांग मागे मनाया गया। पूजा में इष्ट देव महापुरु देशाउली मरांग बुरू, तथा इष्ट देवी जायेर एरा का अनुष्ठान किया गया। हो समाज के लोगों में मुख्य दिउरी एवं उनके सहयोगी दिउरीयों को उनके घर से पूजास्थल देशाउली तक पहुंचाया गया। इसके बाद नाचते-गाते, नारा लगाते दिउरीयों को वापस घर तक पहुंचाया। ग्रामवासी घंटो तक दिउरी के घर के आंगन में नाच-गाना का आनंद लिया।

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पूजा को सफल बनाने के लिए आदिवासी जन-कल्याण समिति एवं आदिवासी हो समाज के सदस्य एवं ग्रामवासियों का पूर्ण सहयोग रहा। मौके पर कैलाश विरुवा अनिल बिरुवा, दुर्गा चरण बारी, रायसिंह बिरुवा, साधु चरण समड़, विशाल पुरती, सिंगा देवगम, राजा सवैंया, सुरजू बास्के, साधु बोदरा, लदुरा कोडान्कल आदि मौजूद थे।