राँची: 1 मार्च, बुधवार को डाॅक्टरों पर हो रहे हमले और मारपीट के विरोध में आइएमए और झासा के बैनर तले राज्यभर के डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया था। सरकारी और निजी अस्पताल के करीब 13,000 से ज्यादा डॉक्टरों ने ओपीडी में अपनी सेवाएं नहीं दी थी। मेडिकल कॉलेजों में भी ओपीडी प्रभावित रहा था।

इधर, कार्य बहिष्कार के बाद आइएमए और झासा के पदाधिकारियों ने शाम को रांची स्थित आइएमए भवन में बैठक की, जिसमें सर्वसम्मति से सभी डॉक्टरों ने 13 मार्च से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया। हालांकि पदाधिकारियों का कहना था कि अगर इस बीच सरकार उनकी मांगों पर फैसला ले लेती है, तो आंदोलन स्थगित कर दिया जायेगा। इधर, बुधवार को जिलाें में आइएमए और झासा के पदाधिकारियों ने ओपीडी की सेवाएं बंद करा दी, जिससे मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी।