झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जीएसटी दरों में की गई कटौती की तारीफ की. उन्होंने इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे आम जनता को बहुत राहत मिलेगी.

बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी की दरों को शून्य कर दिया गया है. इसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा. पहले कई स्लैब में जीएसटी की दरें थीं, जिनको घटाकर दो स्लैब में कर दिया गया है. यह देशवासियों के लिए खुशी की बात है. इससे घरेलू सामान के साथ कई वस्तुओं के दाम में कमी आई है. किसी ने सोचा नहीं था कि 12 लाख रुपए तक की आय को करमुक्त कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी देश के सभी तबके के लोगों की चिंता करते हैं.”
बाबूलाल मरांडी ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी 11 वर्षों से सत्ता से बाहर है, जिसके कारण वो पीएम मोदी को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. यह स्वाभाविक है कि नेहरू-गांधी परिवार के पेट में दर्द होगा. राहुल गांधी चाहते हैं कि अगर हम पीएम मोदी को हटा देंगे तो वो खुद देश के प्रधानमंत्री बन जाएंगे.”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब कुछ ही राज्यों तक सिमट कर रह गई है, यह अतीत हो चुकी है. आगे आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी.”
विपक्ष के वोट चोरी आरोप पर मरांडी ने कहा, “उनके पास कुछ नहीं बचा है, इसलिए अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं. देश के लोग उन्हें पूरी तरह समझ चुके हैं.”
इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मण सावजी ने जीएसटी दरों में कटौती के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने जनता को राहत देने का काम किया है. आने वाले समय में वे जनता के लिए और भी अच्छे फैसले लेंगे.”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आम लोगों के लिए जीएसटी घटाकर बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है. पीएम मोदी ने जब से देश की कमान संभाली है, तब से उनका हर दिन, हर प्रयास गरीबों के कल्याण के लिए रहा है. उनके प्रयासों से पहली बार 60 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंक के साथ जोड़ा गया है. इसका आर्थिक विकास के मामले में समाज परिवर्तन में बड़ा फायदा हुआ है.
भाजपा नेता ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म से गुड गवर्नेंस और सुशासन का प्रदर्शन पीएम मोदी और जीएसटी परिषद ने जनता के सामने किया है. नई जीएसटी दरें लागू हो गई हैं, इस दर से सामान्य परिवारों द्वारा उपयोग की जाने वाली दैनिक उपयोग की वस्तुओं में कमी आई है.










