झारखंड सरकार के लिए राहत भरी खबर है। लंबे समय से रुके हुए 15वें वित्त आयोग के अनुदान पर केंद्र सरकार ने रोक हटा दी है। इसके तहत झारखंड को पहली किस्त के रूप में 275 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर जारी कर दी गई है।

इससे राज्य की पंचायतों को भुगतान का रास्ता साफ हो गया है और विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।
पंचायतों को मिलेगी आर्थिक मजबूती
15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली यह राशि सीधे ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों में खर्च की जाएगी। पंचायतों को लंबे समय से इस अनुदान का इंतजार था। राशि जारी होने से गांवों में बुनियादी सुविधाओं, जैसे सड़क, पेयजल, स्वच्छता और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्र की रोक हटने से मिली राहत
गौरतलब है कि कुछ तकनीकी और प्रक्रियागत कारणों से झारखंड को मिलने वाला यह अनुदान रुका हुआ था। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सभी आवश्यक गाइडलाइंस और अहर्ताओं को पूरा किया। इसके बाद केंद्र ने झारखंड के लिए अनुदान जारी करने का निर्णय लिया।
ग्रामीण विकास मंत्री ने जताई खुशी
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए राज्यवासियों और पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार लंबे समय से इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थी। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अब पहली किस्त मिल चुकी है।
जल्द मिलेंगी शेष किस्तें
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में शेष किस्तें भी जल्द जारी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस राशि से पंचायतों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और ग्रामीण विकास के कार्यों को समय पर पूरा किया जा सकेगा।
विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार
कुल मिलाकर 15वें वित्त आयोग के तहत अनुदान जारी होने से झारखंड की पंचायतों को नई ऊर्जा मिलेगी। राज्य सरकार के प्रयासों के बाद भुगतान का रास्ता साफ हुआ है।
इससे गांवों में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने में आसानी होगी। यह कदम राज्य के समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।











