बिष्टुपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरुद्वारा रोड के समीप एक सनसनीखेज लूट और फायरिंग की वारदात ने इलाके में सनसनी मचा दी थी। पीड़ित कारोबारी साकेत कुमार अग्रवाल ने घटना के बाद पुलिस में आवेदन देकर त्वरित कार्रवाई की मांग की। घटना की गंभीरता और जटिलता को समझते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसपी नगर और पुलिस उपाधीक्षक (सीसीआर) के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया। यह टीम पेशेवर तरीके से घटनास्थल पर जुटी और व्यापक अनुसंधान अभियान चलाया।
विशेष जांच टीम ने सबसे पहले 50 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया। फुटेज की पड़ताल से अपराधियों द्वारा प्रयुक्त वाहन – इनोवा कार (वाहन संख्या: जेएच-05एएन-7303) की पहचान करने में सफलता मिली। इसके आधार पर अनुसंधान का दायरा बढ़ाते हुए पुलिस ने पूरे देश में संभावित छिपने के स्थानों पर लगातार छापेमारी शुरू कर दी।
विशेष टीम की कड़ी मेहनत और समन्वित प्रयास के बाद पंजाब राज्य के अमृतसर से प्रमुख अभियुक्त राकेश कुमार मंडल उर्फ पकौड़ी (41 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। राकेश के पास से लूटे गए पैसे के साथ-साथ देशी पिस्टल भी बरामद की गई। राकेश मंडल का अपराधिक इतिहास भी गंभीर रहा है। बताया गया कि वह पहले भी विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल जा चुका है और हाल ही में जुलाई महीने के अंत में कदमा थाना क्षेत्र से आर्म्स एक्ट के तहत जेल से बेल पर बाहर आया था।

पुलिस ने आगे चलकर तीन अन्य अभियुक्तों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया। उनकी पहचान इस प्रकार हुई – कमलेश नारायण दुबे उर्फ शंकर (41 वर्ष), सुधीर नारायण बेहरा (35 वर्ष) और गणेश कुम्भकार उर्फ फुचा (25 वर्ष)। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से कुल ₹10,69,700 रुपये, चार मोबाइल फोन और घटना में प्रयुक्त इनोवा कार बरामद की गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कमलेश नारायण दुबे उर्फ शंकर ही इस लूट कांड का मुख्य साजिशकर्ता था। उनके नेतृत्व में राकेश मंडल, सुधीर बेहरा और गणेश कुम्भकार ने योजना बनाई थी। अभियुक्तों ने अपने बयान में स्वीकार किया कि उन्होंने साकेत अग्रवाल के खिलाफ वारदात की योजना हफ्ते पहले से बनाकर तैयार की थी। खास बात यह रही कि सुधीर बेहरा वर्तमान में नवमुंडी स्थित टाटा स्टील में कार्यरत था और उसने अपराधियों की भागने की व्यवस्था तथा लूटे गए धन को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी संभाली थी। पुलिस को यह जानकारी आरोपी खुद के बयानों से मिली।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह लूट कांड पूर्व नियोजित था और इसके पीछे आर्थिक लाभ और कर्ज को मिटने का उद्देश्य था। उन्होंने यह भी बताया कि साकेत अग्रवाल के इलाके का रेकी कुछ दिन पहले ही इन अपराधियों द्वारा किया जा चुका था। अपराधी एक ओयों होटल में ठहरे हुए थे ताकि इलाके की हर गतिविधि पर नजर रख सकें और समयानुसार कार्रवाई कर सकें।
एसएसपी ने कहा, “पुलिस विभाग की सतत निगरानी व विशेष टीम के कठोर परिश्रम से यह बड़ी सफलता मिली है। हम अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही कर रहे हैं और शेष भाग रहे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भी व्यापक छापेमारी जारी है।”
गिरफ्तार अभियुक्त राकेश कुमार मंडल उर्फ पकौड़ी का अपराधिक रिकॉर्ड चिंताजनक रहा है। बताया गया कि पकौड़ी पहले भी विभिन्न अपराधों में जेल जा चुका है। इसके बावजूद बेल पर बाहर आकर पुनः आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया था। यह बात पुलिस के लिए चिंता का विषय बनी हुई है कि कैसे ऐसे आरोपी पुनः अपराध की ओर लौट आते हैं।
पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल चारों गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि लूट की पूरी साजिश और उसमें शामिल अन्य संभावित अपराधियों का भी पता लगाया जा सके। पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि आरोपी अपने बयान में यह स्वीकार कर चुके हैं कि कमलेश दुबे ही मुख्य साजिशकर्ता था, जबकि बाकी तीन उसके सहयोगी थे। कमलेश दुबे का मकसद साकेत अग्रवाल से भारी मात्रा में नकदी और अन्य कीमती सामान लूटना था।
एसएसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही बाकी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपराध के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई बेहद कड़ी होगी और कानून के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि किसी के पास अभियुक्तों से संबंधित कोई जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे लाया जा सके।
इस लूट कांड से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। साकेत अग्रवाल ने बताया कि वह गुरुद्वारा रोड पर अपने व्यवसाय से संबंधित कार्य संपन्न करके लौट रहे थे तभी अज्ञात अपराधियों ने उन्हें फायरिंग कर रोका और उनके पास से भारी मात्रा में नकदी लूट ली। इस दौरान उन्होंने पुलिस को बताया कि अपराधी बेहद पेशेवर और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे थे, जिससे यह अपराध विशेष जांच टीम के लिए चुनौतीपूर्ण बना।
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस की तत्परता व कार्यकुशलता से क्षेत्र में अपराधियों के खिलाफ कड़ा संदेश गया है। साथ ही, पीड़ित साकेत अग्रवाल ने कहा कि पुलिस के सहयोग से उन्हें न्याय मिलेगा और अपराधी सजा पाएंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन को धन्यवाद भी दिया।
विशेष जांच टीम ने फिलहाल चार अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें विशेष रूप से आर्म्स एक्ट की धारा भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, अन्य अपराधिक गतिविधियों की भी जांच चल रही है।
पुलिस का यह अभियान यह संदेश देता है कि अपराधियों के लिए कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। पुलिस लगातार अपने फील्ड ऑफिसर्स और तकनीकी टीम के साथ मिलकर ऐसे अपराधों की रोकथाम और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। शेष अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भी सघन जांच जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।