एक नई सोच, एक नई धारा

आपकी एक गलती और ठगों के कंट्रोल में आपका मोबाइल, खाते से 4.21 लाख उड़ाने वाले 2 शातिर गिरफ्तार

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झारखंड के रांची में CID के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने रांची के धुर्वा निवासी सूरज बैठा के खाते से 4.21 लाख रुपये की निकासी मामले में दो आरोपितों को देवघर से गिरफ्तार किया है।

पकड़े गए आरोपितों में देवघर जिले के मधुपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर एक लखना निवासी मोहम्मद शादाब अख्तर व देवघर के ही सत्संग चौक बेलाबगान निवासी राकेश कुमार शामिल हैं।

आरोपी राकेश कुमार मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के सिमुलतल्ला थाना क्षेत्र के तेलवा बाजार का रहने वाला है। इनके पास से दो मोबाइल, दो सिमकार्ड, एक आधार कार्ड, एक पासबुक व एक एटीएम कार्ड की बरामदगी हुई है।

2 जून को करवाया था मामला दर्ज

शिकायतकर्ता सूरज बैठा ने सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में गत दो जून को अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में बताया था कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने एसबीआइ व ICICI बैंक क्रेडिट कार्ड के कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर उसे झांसे में लिया था।

इसके बाद मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाकर उसके खाते से 4 लाख 21 हजार 495 रुपये विभिन्न खातों में अवैध तरीके से हस्तांतरित कर लिये।

ऐसे ठगी करते हैं साइबर अपराधी

साइबर अपराधी विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर नंबर के रूप में गूगल पर अपना नंबर डाल देते हैं। जब लोग आम सहायता के लिए गूगल पर उक्त नंबर को सर्च करते हैं तो ये अपराधी उन्हें रस्ट डेस्क, एनी डेस्क, एल्पेमिक्स स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर पूरा डिटेल्स लेकर ट्रांजेक्शन करवाते हैं। इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग तथा UPI डिटेल्स लेकर पैसों की अवैध रूप से निकासी करते हैं।

इस अपराध शैली से बचने का तरीका

किसी भी अज्ञात मोबाइल नंबर से काल आने पर अपनी कोई निजी जानकारी साझा न करें। इंटरनेट सर्च इंजन, गूगल एड्स व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए कस्टमर केयर, हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें।

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कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर संपर्क करें। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के भेजे गए अज्ञात लिंक या यूआरएल पर न क्लिक करें और न हीं किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड करें। बैंक के यूपीआइ एप्लिकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक के अधिकृत नंबर से ही मैसेज आता है।

किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर, रस्ट डेस्क, एल्पेमिक्स आदि एप अपने मोबाइल में इंस्टाल न करें। इन एप के माध्यम से साइबर अपराधी आपके फोन का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं और ठगी करते हैं।

साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा आनलाइन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट साइबरक्राइम डाट जीओवी डाट इन पर रिपोर्ट करें।