हेमंत सरकार ने भव्य कार्यक्रम के जरिये राज्य की 56 लाख महिलाओं के खाते में मंईया सम्मान राशि भेज तो दी है, लेकिन कई महिलाओं के खाते में राशि पहुंची ही नहीं है। इधर पैसा नहीं मिलने से महिलाएं परेशान हैं। जमशेदपुर में कई महिलाओं ने शिकायत की है कि उनके खाते से पैसा नहीं निकल रहा है। इधर परेशान महिलाएं ब्लाक आफिस के चक्कर काट रही है।
झारखंड सरकार की ओर से छह जनवरी सोमवार को लाखों महिलाओं के बैंक खाते में मंइयां सम्मान योजना के तहत राशि भेजी गई है। लेकिन कई महिलाओं को पैसा नहीं मिल पाया है। इसकी वजह बतायी जा रही है कि मंइयां सम्मान योजना का बेवसाइट का चार जनवरी से ही बंद होना। लिहाजा पैसे का स्टेटस नहीं पता चल रहा है। इधर बेवसाइट को लेकर अधिकारियों को जानकारी नहीं है।

आपको बता दें कि हेमंत सोरेन ने झारखंड की मंईया से जो वादा किया था, उसे 6 जनवरी को पूरा कर दिया। 56 लाख से ज्यादा महिलाओं के खाते में 2500 रुपये की पहली किस्त डाली गयी। मंईया सम्मान योजना की इस पहली किस्त में राज्य सरकार ने महिलाओं के खाते में 1415.44 करोड़ रुपये वितरित किये गये। झारखंड के लिए ये अपने आप में रिकार्ड है, जब किसी एक योजना के तहत महिलाओं के सखाते में एक साथ इतनी बड़ी राशि एक ही दिन में डाली गयी हो।
मुख्यमंत्री ने तय वादों के तहत 18 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है। हर साल इस योजना के तहत झारखंड की महिलाओं के खाते में 30 हजार रुपये हेमंत सरकार देगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर बताया है कि सबसे ज्यादा उत्तरी छोटानागपुर की महिलाओं के खाते में 500.81 करोड़ रुपये दिये गये हैं। वहीं संताल परगना में 320.87 करोड़, दक्षिणी छोटानागपुर की महिलाओं को 230.35 करोड़, पलामू को 190.01 करोड़ और कोल्हान को 173.38 करोड़ वितरित किये गये हैं।
