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जमशेदपुर : शहर में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, हेमरेजिक फीवर और शॉक सिंड्रोम सबसे खतरनाक

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जमशेदपुर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, शहर के अस्पतालों में डेंगू से मौतें हो रही है. इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा निजी एवं सरकारी स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि बच्चों को फुल शर्ट एवं पैंट पहन कर आने को कहे.

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वहीं स्कूल में क्लास रूम की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी ने कहा कि अब तक 45 स्कूल विजिट किया गया है. बच्चों एवं शिक्षकों को डेंगू के लक्ष्ण एवं बचाव के उपाय के संबंध में जानकारी दी गई है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वयस्क की अपेक्षा बच्चों की इम्युनिटी पावर थोड़ी कम होती है, इसलिए डेंगू पीडित बच्चों की स्थिति थोड़ी गंभीर हो रही है. डेंगू से होने वाली बच्चों की मौत के पीछे यही कारण है. उन्होंने कहा कि सैम्पल जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा की यह डेंगू कौन सा वेरियंटहै. हालांकि बिहार एवं अन्य स्थानों पर जांच के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है उससे लगता है की यह डेंगू का सेकंड वेरियंट या थर्ड वेरियंट हो, लेकिन अभी कहना कुछ भी कहना सही नहीं है.

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उन्होंने कहा कि डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. इसे कैसे कम किया जा सकता है, इसके लिए कई स्तर पर उपाय किए जा रहे हैं. इसके तहत अब डेंगू से स्वस्थ हो चुके मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है. अस्पताल से डिस्चार्ज मरीजों को सर्विलांस विभाग के कर्मी फोन कर यह जानकारी ले रहे हैं कि उन्हें दोबारा बुखार तो नहीं आया. साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बुखार या डेंगू का कोई लक्षण तो नहीं है. सिविल सर्जन ने कहा कि डेंगू से बचाव का एक मात्र उपाय घर एवं आसपास सफाई रखना और पानी जमने ना देना है. उन्होंने घर में फुल बांह के कपड़े पहनने व मच्छरदानी का प्रयोग करने की अपील की.

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फिजिशियन डॉ विजय कुमार ने बताया कि डेंगू में तीन तरह के बुखार होते हैं, जिसमें दो बुखार जानलेवा माना जाता है. क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू हैमरेजिक फीवर और डेंगू शॉकसिंड्रोम. इन तीनों में से सबसे ज्यादा खतरनाक हेमोरेजिक फीवर और शॉक सिंड्रोम को माना जाता है. अगर समय पर मरीज को भर्ती नहीं कराया गया तो उनकी मौत तक हो सकती है. डेंगू का भी कोई स्पष्ट इलाज नहीं है. मरीज में डेंगू की पुष्टि होने के बाद उसके लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है. डेंगू के साथ-साथ अन्य बीमारियां होने से मरीज का मल्टी आर्गेन भी फेल हो जाता है.

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जिले में 05 अक्टूबर को किए गए सैम्पल जांच में 20 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए है. अबतक कुल 9020 सैम्पल की जांच में 1188 लोग डेंगू पॉजिटिव मिले हैं. वर्तमान में 213 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा, 10 आईसीयू में, 203 नॉर्मल वार्ड में भर्ती हैं.