एक नई सोच, एक नई धारा

सीजीपीसी ने सच बोलने और आईना दिखाने की सजा दी ग्रुप से बाहर निकालकर

Screenshot 2024 0719 164040

जमशेदपुर : सीजीपीसी के व्हाट्सएप ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य सरदार परमजीत सिंह चन्नी को सिर्फ इसलिए व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया क्योंकि वो सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गलत कार्यों को लेकर उन्हें आइना दिखाने की कोशिश कर रहे थे। उक्त बातें सीतारामडेरा निवासी सरदार परमजीत सिंह चन्नी ने कही।

Screenshot 2024 0719 164040

उन्होंने बताया कि सीजीपीसी को सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं है। अब उनके क्रिया कलापों से शहर की इस सर्वोच्च संस्थान जिसे हमारे ही बुजुर्गों ने किसी अच्छी सोच के तहत बनाया था, आज उस संस्था की साख निरंतर गिरती जा रही है। बहुत ही दुखी मन से उन्होंने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आज मुझे परमजीत सिंह को सीजीपीसी ग्रुप द्वारा सचाई लिखने के जवाब में सीजीपीसी ग्रुप से हटा दिया गया।

IMG 20240309 WA00281

उन्होंने कहा कि मुझे कोल्हान की सिख संगत को बताना है कि क्या सच लिखना और बोलना कोई गुनाह है। मैं एक लाईन में बोलना चाहूंगा कि सच्चाई सुनने की हिम्मत खत्म होने के चलते यह कदम उठाया गया, जबकि सिख समाज के लिए दास ने अनेकों काम निस्वार्थ भाव से किये हैं। जिसका गवाह वाहेगुरु जी हैं। जैसे सीता राम डेरा गुरु घर का सोसाइटी एक्ट में रेजिस्ट्रेशन, सीजीपीसी के पूर्व प्रधान सरदार इंद्रजीत सिंह जी के कार्यकाल में तन, मन, धन से सहयोग करते आये हैं।

IMG 20240309 WA00271

वर्तमान में भी सीजीपीसी द्वारा सेवा की मांग पर दास ने गुरु घर के नेक काम सेवा दे कर सहयोग किया, जिसमें दास का कभी भी कोई निजी स्वार्थ नहीं रहा। अगर सच बोलना कोई गुनाह है तो दास सच्चाई के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।

IMG 20240309 WA00261

चन्नी ने सीजीपीसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीजीपीसी द्वारा कौम को सच्चाई का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए, जिसमें सीजीपीसी सक्षम नहीं है।
साथ ही उन्होंने सीता राम डेरा गुरुद्वारा साहिब जी शहीद बाबा सिंह गुरुद्वारा साहिब कमेटी का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुद्वारा साहिब में जो चल रहा है, उसके सारे सबूत हैं। समय आने पर उसका जवाब दिया जायेगा।
गुरु घर किसी की निजी सम्पति नहीं है और ना जागीर, प्रबंधक कमेटी को सिर्फ और सिर्फ प्रबंध देखना है और अगर वह मनमानी करते हैं तो संगत को पूरा पूरा अधिकार है कि हस्तक्षेप करे। क्योंकि संगत सर्वोपरि है।