जमशेदपुर : सीतारामडेरा के प्रधान के चुनाव को लेकर बीते कई समय से माहौल गरमा गर्मी का था, लेकिन आज गुरुद्वारा के प्रधान को चुना गया। जिसको लेकर सोनारी गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सरदार तारा सिंह ने कहा कि सीजीपीसी द्वारा गुरुद्वारा टिनप्लेट और सोनारी प्रधान का चुनाव महीनों पहले हो चुका है, दोनों चुनाव में मतपत्रों द्वारा संगत ने प्रधान चुना है फिर क्यों सीतारामडेरा गुरुद्वारा में लॉटरी के द्वारा चुनाव करवाने की कोशिश की जा रही है। दबाव और मानसिक प्रताड़ना से डरा धमका कर अपने उम्मीदवार के पक्ष में ज़बरदस्ती करना सरासर ग़लत और असंवैधानिक है। जिसका सीतारामडेरा ही नहीं बल्कि पूरे जमशेदपुर की संगत इस कुकृत्य और अन्याय का पुरज़ोर विरोध और निंदा करेगी। (जारी…)

सीजीपीसी के प्रधान पद में चार उम्मीदवार दावेदार थे , भगवान सिंह , हारमिंदर सिंह मिन्दी,हरविंदर सिंह मंटू, महिंदर सिंह . वहाँ लॉटरी का प्रावधान क्यों नहीं लागू किया गया। चुनाव क्यों कराया गया ? जबकि चुनाव कराने का कोई तुक नहीं था, क्योंकि हरविंदर सिंह चुनाव से हट गये थे। महिंदर सिंह ने किसी के पक्ष में हट गये थे और हारमिंदर सिंह मिंदी ने चुनाव बहिष्कार का नारा दिया था। ऐसे में भगवान सिंह का निर्विरोध चुना जाना स्वाभाविक था। चुनाव करा कर निरर्थक पैसों की बर्बादी करना कहाँ तक उचित था ? (जारी…)

सीजीपीसी का सीतारामडेरा गुरुद्वारा की गुरु की गोलक कई एक महीनों से खोलना यह कहाँ तक उचित है,जबकि गुरुद्वारा की प्रबंधक कमिटी प्रधान बलबीर सिंह के नेतृत्व में भलीभाँति काम कर रही है। सीजीपीसी का दखल देना पूरी तरह से ग़लत और असंवैधानिक है एवं कमिटी के अधिकारों का हनन है। भविष्य में अन्य गुरुद्वारों पर भी यह प्रक्रिया लागू हो सकती है। (जारी…)

हम जमशेदपुर की समूह न्याय प्रिय और संविधान की रक्षक संगत को अपील करते हैं कि इस ग़ैर संवैधानिक और अन्याय पूर्ण कार्यों के विरोध में आगे आयें ताकि भविष्य में गुरुद्वारों के अधिकार एवं कर्तव्यों से वंचित न होने पाएँ। जागरूक और सजग रहें, न्याय पुर्ण लोगों का साथ आगे बढ़ कर करें।
ये प्रेस विज्ञप्ति लिखते लिखते ही विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि आनन फानन में सीतारामडेरा गुरुद्वारा कमेटी का प्रधान संगत के मर्जी के खिलाफ चुन लिया गया है, जो कि एकदम गलत है और असंवैधानिक है। लगता है कि सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को बहुत दबाव में लेकर या उसको कोई लालच देकर ये फैसला किया गया है।