
जमशेदपुर : जमशेदपुर बार एसोसिएशन वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने इसे दुर्भाग्यजनक बताया कि जो काम राज्य सरकार और उसकी मशीनरी को करना चाहिए वह कार्य अपने मुवक्किल की ओर से न्यायालय में करना पड़ रहा है।

सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की युगल खंडपीठ ने हेट स्पीच भड़काऊ भाषण को लेकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार को आदेश जारी किया था कि ऐसे तत्वों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करनी है। ऐसे मामलों में केस दर्ज करने में देरी होने पर इसे अदालत की ओर से अवमानना माना जाएगा लेकिन अफसोस है कि झारखण्ड सरकार ने इस मामले में उदासीनता बरती है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ एवं जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ में यह भी आदेश दिया था की कार्रवाई करते समय बयान देने वाले के धर्म की परवाह नहीं करनी है। झारखंड में पिछले दो-तीन महीने से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दल के आला नेताओं के द्वारा वोटो का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करने के लिए लगातार हेट स्पीच दिए जा रहे हैं। प्रशासन खामोश बैठा हुआ है। अभी चुनावी आदर्श आचार संहिता लगी हुई है और ऐसे में प्रशासन को अपनी सक्रियता दिखाते हुए आम जनता का विश्वास जीतना चाहिए।