
चाईबासा : केंद्र और राज्य की सरकारें कोल्हान के विकास में विफल साबित हुई है। कोल्हान ऑटोनोमस कॉन्सिल के बिना कोल्हान का विकास असंभव । कोल्हान ऑटोनोमस कॉन्सिल के गठन से ही यहां के आदिवासी मूलवासी सुरक्षित होंगे । कोल्हान ऑटोनोमस कॉन्सिल को स्थापित करने को लेकर कोल्हान रक्षा संघ की ओर से दाखिल मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। ज्ञात हो कि संघ द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दाखिल मामला पर न्यायालय ने अपने मंतव्य में कहा था की 3 माह के अंदर कोल्हान कर प्रारूप तैयार कर देने का निर्देश दिया था।

उसी वक्त सन 2000 में झारखंड का गठन हो गया। इसके बाद यह मामला अदर में लटक गया। यह बातें आज जेटेया थाना क्षेत्र के ग्राम चेतन कुंद्रीजोर में आयोजित कोल्हान रक्षा संघ की जनसभा को सम्बोधित करते हुए संघ के केंद्रीय अध्यक्ष माईकल तिरिया ने कही। श्री तिरिया ने कहा कि ब्रिटिश सरकार के दमनात्मक हुकूमत के खिलाफ हुई कोल विद्रोह के फलस्वरूप कोल्हान वासियों के लिए विलकिंसन रूल संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। जिसे आज राजनीति षडयंत्र के तहत् इसे समाप्त करने की साज़िश रची जा रही है। देश आजादी के बाद सन 1950 को भारत सरकार राष्ट्रपति ने कोल्हान गवर्मेंट इस्टेट को अनुसूचित छेत्र घोषित कर कोल्हान और बिहार को मिलाकर बिहार सरकार का गठन किया गया है।


इन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सन 1953 को केन्द्र सरकार के प्रभाव से तत्कालीन राज्यपाल के अधिसूचना संख्या A/AB-303/53/3533j, दिनांक 26 अगस्त 1953 के द्वारा बिहार सरकार के राजनीति सरकार से कोल्हान को अलग करते हुए पुराना सिंहभूम को संविधान के पांचवी अनुसूची के पारा 1 में सूचीवद किया गया है, इसलिए संविधान के 5 वीं अनुसूची पारा 5(1) का छेत्राधिकार में पार्लियामेंट और राज्य का विधानमंडल द्वारा बनाया गया कानून लागू नहीं होता है। लेकिन वर्तमान में अधिकारी और एमपी एमएलए के जानकारी के अभाव में इस छेत्र में जबरन नए नए नियम कानूनों को लागू किया जा रहा है। श्री तिरिया ने कहा कि राज्य सरकार संविधान के 5 वीं अनुसूची का पारा 5 (I) को नज़रंदाज़ करके कोल्हान एरिया में जबरन लागू किया जा रहा है। कोल्हान रक्षा संघ संवैधानिक लड़ाई लड़ रहा है। इस मौके पर मानकी मुंडा संघ कोल्हान पोड़ाहाट के पूर्व केन्द्रीय प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने कहा कि विधायक सांसद एवं जनप्रतिनिधि का कोल्हान मामले पर गंभीर नहीं होना चिंता का विषय है।

इन्होंने कहा कि कोल्हान के आदिवासी मूलनिवासी एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों के सर्वांगीण विकास हेतु कोल्हान में ऑटोनॉमस काउंसिल का गठन किया जाना जरूरी है। इसलिए कोल्हान रक्षा संघ कोल्हान में कोल्हान ऑटोनॉमस काउंसिल कराने तक संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर मानसिंह हेंब्रम ने कहा कि कोल्हान के एक एक बच्चों को शिक्षा दिलाने की जरूरत है। बिना शिक्षा के हम कोल्हान के शासन प्रशासन नहीं चला सकते। इसलिए समय रहते हम अपने अपने बच्चों को पढ़ाई के क्षेत्र में कार्य करने की अवश्यकता है।
सभा को जयसिंह सुंडी, मुंडा रोयाराम बोयपाई, कानूराम हाईबुरु, विक्रम बोयपाई, डूरसू चांपिया, महती बोयपाई, चरण चांपिया, दीपक चांपिया, बुधु पूर्ति, मानसिंह सिरका, बोजना केराई, जुरेंद्र मारला, अमर सिंह लागुरी, कानुराम सिरका, लांगो चांपिया, सदन चांपिया, जयपाल सिंह मेराल, बीनू सिंह चांपिया, सोनाराम नागुरी, गुरु नागुरी, जगदीश केराई, समेत मानकी मुंडा, संघ के ग्रामीण सेक्रेटरी शामिल थे ।