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एचसीएल, राखा एवं चापड़ी माइंस बंद रहने का मामला संसद में उठा

सांसद बिद्युत बरण महतो ने सोमवार को घाटशिला स्थित इंडियन काँपर काम्पलेक्स का मामला लोकसभा में नियम 377 के तहत उठाया. कहा कि मऊभंडार स्थित हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) एवं इंडियन कॉपर कॉप्लेक्स (आईसीसी) का प्लांट वर्ष 1932 से स्थापित है. लेकिन उक्त प्लांट पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है क्योंकि आईसीसी प्लांट में एचसीएल की ही मलाजखंड इकाई ने सप्लाई होने वाली ताम्र सांद्र अयस्क की आपूर्ति बंद कर दी है. साथ ही ताम्र सांद्र अयस्क सीधे बाजार में बेच रही है. सांद्र अयस्क की कमी के कारण आईसीसी स्मेल्टर बंद है.

सांसद ने संसद में कहा कि एचसीएल प्रबंधन प्लांट को बेचने का मन बना रही है जिसके कारण उक्त क्षेत्र के आसपास के निवासियों, कार्यरत मजदूरों एवं कामगारों में भारी आक्रोश है. कोरोना महामारी के बीच बीते डेढ़ साल से असंगठित क्षेत्र के हजारों मजदूर बेरोजगार हो चले हैं. जो चिंता का विषय है. वहीं उन्होंने मुसाबनी प्रखंड क्षेत्र स्थित राखा कॉपर एवं चापड़ी माईस के बीते दो दशक से बंद रहने का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने माईस को चालू कराने के लिए लीज पर 100 एकड़ भूमि उपलब्ध कराया था, ताकि बंद खदाने चालू हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके. कंपनी प्रबंधन के द्वारा फरवरी 2019 में भूमि पूजन भी किया गया था. लेकिन एचसीएल प्रबंधन द्वारा ढाई वर्ष बीतने के बाद भी माईस को खोलने हेतु निविदा की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई. सांसद ने केंद्र सरकार से उपरोक्त माइंस को अविलंब चालू कराने की मांग की.

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