
राँची : सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच 13 अक्टूबर की शाम चाईबासा में मुठभेड़हुई. इस दौरान बम ब्लास्ट की वजह से स्प्लिंटर (मेटल के छोटे-छोटे टुकड़े) 14 साल की बच्ची के गर्दन के पिछले हिस्से में जा लगी. जख्म इतना गहरा था कि बच्ची के गर्दन की हड्डी को तोड़ते हुए स्पाइनल कॉर्ड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना के बाद बच्ची के दोनों हाथ और पैर में पैरालिसिस आ गई. स्पाइनल कॉर्ड की झिल्ली और दूसरे कॉर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गये. (जारी…)
सीआरपीएफ के जवानों ने बच्ची को हेलीकॉप्टर से रांची लाया. इसके बाद रिम्स में उसे भर्ती किया गया. रिम्स में भर्ती होने के बाद गुरुवार को न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ सीबी सहाय के नेतृत्व में बच्ची का सफल ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में विभाग के डॉ आनंद प्रकाश, डॉ सौरभ बेसरा, डॉ दीपक, डॉ विकास कुमार, डॉ रवि, डॉ मयंक, एनेस्थीसिया विभाग की डॉ प्रियंका, डॉ अर्चना, डॉ हरीश, डॉ संगीता, डॉ शादाब ओटी स्टाफ और नर्स सुनील, मंटू प्रभात, विनीता शामिल रही.