जमशेदपुर : जिला प्रशासन द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी गुड़ाबांदा प्रखण्ड के फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत अंतर्गत पहाड़ पर बसे कारलाबेड़ा गांव पहुंचे। लगभग 22 से 24 परिवारों वाला यह गांव लंबे समय से सड़क से वंचित है। ग्रामीणों ने उपायुक्त के समक्ष सड़क निर्माण की मांग रखी, जिस पर उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि गांव को न केवल सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा, बल्कि अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे भी चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराए जाएंगे।
उपायुक्त ने मौके पर ही पदाधिकारियों को गांव में जलापूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जल मीनार निर्माण तथा सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए चेक डैम निर्माण आदि को लेकर निर्देश दिया। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न केवल पेयजल की समस्या का समाधान होगा, बल्कि खेती योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
खेती और आजीविका में बदलाव की संभावना
गांव में ग्रामीण अभी पारंपरिक खेती करते हैं। उपायुक्त ने उन्हें नगदी फसल जैसे सब्ज़ी उत्पादन, फल बागवानी, औषधीय पौधे आदि की ओर प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नगदी फसल से ग्रामीणों को बेहतर आमदनी होगी, जिससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही पशुपालन, बकरी पालन, कुक्कुट पालन जैसी योजनाओं से जुड़ने पर उन्हें नियमित आय का अतिरिक्त स्रोत भी प्राप्त होगा। सड़क निर्माण से गांव तक एम्बुलेंस, शैक्षणिक सुविधाएं, बाज़ार से जुड़ाव और आपातकालीन सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित होगी। जल मीनार से सालभर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा, जिससे जलजनित बीमारियों में कमी आएगी। चेक डैम बनने से वर्षा जल का संचयन होगा, भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा और सिंचाई सुविधाएं बेहतर होंगी। नगदी फसल व पशुपालन से ग्रामीणों को रोज़गार के नये अवसर मिलेंगे और पलायन की समस्या कम होगी। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच आसान होने से जीवन स्तर में समग्र सुधार होगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जिले के सुदूरवर्ती एवं दुर्गम गांवों तक विकास की सभी मूलभूत सुविधाएं पहुँचे। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कारलाबेड़ा समेत ऐसे गांवों की समस्याओं का सर्वे कर योजनाओं को प्राथमिकता से लागू करें, ताकि ग्रामीणों का जीवन स्तर बेहतर हो सके।