Site icon

साकची गुरुद्वारा साहिब में शहीदी जागृति यात्रा का पुष्पवर्षा से हुआ भव्य स्वागत

IMG 20250925 WA0019
1000911290

जमशेदपुर : तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना से शुरू हुई शहीदी जागृति यात्रा का साकची गुरुद्वारा साहिब पहुचने पर भव्य स्वागत किया गया। सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी और उनके साथ शहीद हुए भाई मती दास, भाई सती दास, और भाई दियाला जी की 350वीं शहादत स्मृति को समर्पित यह यात्रा देश के विभिन्न प्रांतों से होती हुई आनंदपुर साहिब में सम्पन्न होगी।

गुरुवार को सुबह ठीक 11:20 बजे जैसे ही पालकी साहिब साकची गुरुद्वारा पहुंची, “बोले सो निहाल सतश्रीअकाल” और “हिन्द दी चादर, गुरु तेग बहादुर” के उद्घोष से आसमान गूंज उठा। गुरुद्वारा परिसर को सुंदर ढंग से सजाया गया था। स्कूली बैंड और एनसीसी की परेड के साथ पालकी साहिब का स्वागत किया गया और पुष्पवर्षा कर संगत ने गुरु का स्वागत और अभिनंदन किया। पटना साहिब के पंज प्यारों और मुख्य ग्रंथी को सिरोपाओ प्रदान कर सम्मानित किया गया।

पटना साहिब से आए पंज प्यारे, भाई साहिब भाई दिलीप सिंह मुख्य ग्रंथी तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब, भाई भजन सिंह, भाई जरनैल सिंह, रागी जत्था भाई हरजीत सिंह, कथा वाचक भाई सतनाम सिंह, ज्ञानी हरजीत सिंह और कथा वाचक भाई हरविंदर सिंह सहित पटना साहिब से आई पूरी टीम को सम्मान और धन्यवाद ज्ञापन प्रधान निशान सिंह द्वारा किया गया। उपरांत पटना साहिब की पूरी टीम ने लंगर छका और साकची गुरुद्वारा के कमरों में कुछ देर विश्राम भी किया।

साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह ने इस अवसर पर कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का बलिदान सिख धर्म ही नहीं बल्कि समस्त मानवता के लिए प्रेरणा है। यह यात्रा हमें उनके त्याग और समर्पण को याद दिलाती है, जिससे हम अपने धर्म और नैतिकता के प्रति दृढ़ रहें।

कुछ तकनीकी कारणों से पालकी साहिब का पड़ाव निर्धारित आधे घंटे के बजाय तीन घंटे तक रहा जिससे संगत को गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन तसल्लीपूर्वक करने का अवसर मिला। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर और जलपान निरंतर चलता रहा जिसमें करीब साढ़े तीन हजार श्रद्धालुओं ने लंगर छका।गुरुद्वारा कमेटी के वरिष्ठ सदस्य परमजीत सिंह काले ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु के दर्शन और शहीदी यात्रा का हिस्सा बनना हर सिख के लिए गर्व की बात है। यह पवित्र यात्रा हमें गुरु के दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

जागृति यात्रा दोपहर चार बजे अरदास के बाद अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर मंच का संचालन सुरजीत सिंह छीते ने किया जबकि प्रधान निशान सिंह सहित सतनाम सिंह सिद्धू, खजान सिंह, परमजीत सिंह काले, रबीन्द्र सिंह, बरयाम सिंह, रणधीर सिंह, सतिंदर सिंह रोमी, अजायब सिंह, प्रीतपाल सिंह, सुखविंदर सिंह निक्कू, सतनाम सिंह घुम्मण, सन्नी सिंह बरियार, अमरपाल सिंह, सतबीर सिंह गोल्डू, जसबीर सिंह गाँधी, त्रिलोचन सिंह तोची, श्याम सिंह, रोहितदीप सिंह, जसविंदर सिंह मोनी, सतपाल सिंह राजू, हरविंदर सिंह, नानक सिंह, गुरप्रीत सिंह, रमनदीप सिंह गुल्लू, दलजीत सिंह, बलदेव सिंह बब्बू, जगमिंदर सिंह समेत स्त्री सत्संग सभा, सुखमणि साहिब जत्था की बीबियाँ और नौजवान सभा के कार्यकर्ता सक्रिय रहे। यह आयोजन सिख समुदाय की एकता, गुरु के प्रति श्रद्धा और शहीदों के बलिदान को याद करने का एक जीवंत उदाहरण रहा।

Exit mobile version