
जमशेदपुर : ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब, काशीडीह द्वारा शुक्रवार को बड़े ही धूमधाम से रामनवमी का विसर्जन जुलूस निकाला गया। इस विसर्जन जुलूस में लोगों ने भक्तिमय माहौल को स्थापित किया जो देखने लायक थी। रामनवमी विसर्जन जुलूस काशीडीह मैदान से होते हुए साकची गोलचक्कर और उसके बाद मानगो की ओर प्रस्थान कर विसर्जन सम्पन्न किया गया।
पुरानी परंपरा की वजह से शुक्रवार को हुआ विसर्जन
गौरतलब हो कि रामनवमी का विसर्जन शहर भर में गुरुवार को मनाया गया, किन्तु पुरानी परंपरा और संस्कृति की वजह से ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब ने इसे गुरुवार की जगह शुक्रवार को मनाया। इस बाबत क्लब के संरक्षक श्री अभय सिंह ने इसकी जानकारी पहले ही प्रशासन को दे दी थी और प्रेसवार्ता के माध्यम से जमशेदपुरवासियों को भी कार्यक्रम की रूप रेखा से अवगत कराया था।
राम के नाम पर झूमा शहर
इस विसर्जन जुलूस में हज़ारों की तादाद पर भक्तगण शामिल हुए और इसे सफल बनाने में अपना महत्पूर्ण भूमिका भी निभाई। जुलूस के दौरान राम गीत और प्रभु राम के जयकारों ने भक्तों के अंदर एक उत्साह और उमंग की नई ऊर्जा भर दी। जय श्री राम के गगनचुंबी नारों से पूरा माहौल ही राममय हो चुका था। बूढ़े, जवान, बच्चे, पुरुष, महिलाएं सभी प्रभुराम के नाम पर झूमते हुए इस जुलूस यात्रा को सफल बना रहे थे।
झांकियों और डंका ने मोहित किया लोगों को
ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब की रामनवमी हो या दुर्गा पूजा यह शहर भर के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है। यहाँ की भव्यता लोगों के बीच अक्सर चर्चा का विषय बना और इस बार भी रामनवमी जुलूस में राम दरबार की झांकी, बंगाल का डंका ने लोगों को ऐसे मोहित किया यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। राम के वनगमन से लेकर राज्याभिषेक की झांकियों ने लोगों के दिल और दिमाग में अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राम दीवानों के करतबों ने भी लोगों को खासा प्रभावित किया और एक से बढ़कर एक करतबों का आनंद लेते हुए एवं जय श्री राम के नारों के साथ विसर्जन जुलूस को सम्पन्न किया गया।
राम अस्तित्व के प्रतीक हैं – अभय सिंह
विसर्जन जुलूस के दौरान मीडियाकर्मी से बात करते हुए अभय सिंह ने कहा कि लोगों के प्यार और प्रभु राम के प्रति जो आस्था है यह उसी का नज़ारा है कि हजारों की संख्या में लोग उपस्थित होकर इस यात्रा को भव्यता प्रदान करने का शुभकार्य कर रहें हैं। श्री सिंह ने कहा कि भगवान राम सिर्फ आस्था के प्रतीक नहीं है बल्कि यह हमारे अस्तित्व के भी प्रतीक है और यही वजह है कि प्रभु राम के लिए देशभर में लोग खुद ब खुद निकल आते हैं और उनके नाम के कार्य को सफल बना देते हैं।