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आज़ाद भारत के प्रधानमंत्री भगत सिंह होते तो आज गाँधी का अपमान न होता- अभय सिंह

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जमशेदपुर : बर्मामाइंस स्थित ईस्ट प्लांट बस्ती में भगत सिंह फैंस क्लब द्वारा शहादत दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहाँ भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के तस्वीरों पर श्रद्धासुमन अर्पित करके नमन किया गया। शहीद ए आज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदानों को याद किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों के तस्वीर के आगे श्रद्धासुमन अर्पित करके किया गया। उसके बाद संस्था के सदस्यों द्वारा मंच पर मौजूद अतिथिगण को केसरिया अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद भाजपा के धनबाद प्रभारी अभय सिंह ने भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के बलिदानों को याद करते हुए नौजवानों को देश के प्रति उनके दायित्वों को बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि देश का जो हाल आज़ादी के बाद हुआ वह हाल नहीं होता यदि भगत सिंह आज़ाद भारत के समय जीवित होते और वो आज़ाद भारत के प्रधानमंत्री होते तो आज देश का कायाकल्प ही अलग होता। उहोंने काव्य रूप में बताया कि यदि भगत सिंह प्रधानमंत्री होते तो- “गाँधी का अपमान न होता, दफ़न कोई बलिदान न होता, समझौतों की मेज़ पर सियासत का तूफान न होता, जिन्ना का गुणगान न होता, हिन्दू और मुसलमान न होता, घर घर में रहमान न होता, गलियों में रिज़वान न होता, सड़कों पर सुल्तान न होता, इतना क़त्लेआम न होता, भारत लहूलुहान न होता, बँटवारे का काम न होता और हरगिज़ पाकिस्तान न होता।” उन्होंने अपने वक्तव्य के बाद भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाया। उन्होंने संगीत मंडली से अनुरोध करते हुए कहा कि कार्यक्रम के बाद किसी भी तरह की फिल्मी गीतों को न बजाया जाए, नहीं तो ये शहादत दिवस का आयोजन निष्फल हो जाएगा।

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