Site icon

21 वीं शताब्दी के आधुनिक साहित्य रत्नों में शामिल हुए डॉ. एस.के.झा

IMG 20230628 WA0007

कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड के स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर (नीड बेस्ड) डॉ०एस०के०झा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। इनका जन्मस्थली तो वर्तमान बिहार में है, परंतु कर्मस्थली झारखंड है।आप पंचायती राज के विशेषज्ञ भी हैं,साथ ही झारखंड में इस क्षेत्र में कार्य करने व ग्रामीण समाज का अच्छा अनुभव भी रखते हैं। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ०झा अपने मेहनत और लगन के साथ निरंतर संघर्ष के बाद रोज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। दर्जनों समाजशास्त्रीय शोध आलेख व कई पुस्तकों की रचना हिंदी भाषा में लिख कर समाज के बारे में समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से पहल की है। सामाजिक सेवा में इनकी रुचि और कार्य काफी अनुकरणीय है,जिस वजह से इन्हें कई सम्मान व अवार्ड प्राप्त हुआ है। आपने “सूचना का अधिकार अधिनियम:2005 का भारतीय समाज पर प्रभाव ” पर डाॅक्टर आॅफ फिलासफी की उपाधि ग्रहण किए हैं।समन्वय की संस्कृति के पक्षधर, नियमानुसार व पारदर्शिता के साथ कार्य करने के तरीके, निर्धारित समय का पालन करना, प्रतिदिन चार से पांच घंटे अध्ययन करना,धैर्य और आत्मविश्वास के साथ प्रतिकुल परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की जज्बा,निश्चय ही आपके व्यक्तित्व में निखार लाता है।


डॉ०झा के द्वारा नित्य किए जा रहे कठोर परिश्रम व लगन ने ही देश विदेश के 134 रचनाकारों का जीवन परिचय में इनका भी जीवन परिचय प्रकाशित हुआ है।इस ऐतिहासिक जीवन परिचय की संकलनकर्ता सुमंगला सुमन ने सात महीने के अथक मेहनत से प्रकाशित की है। पुस्तक के प्रकाशन पर और 21 वीं सदी के आधुनिक साहित्य रत्न में हिंदुस्तान के जाने-माने साहित्यकारों में डाॅ०एस ०के०झा भी शामिल हैं। प्रकाशक और संकलन कर्ता सुमंगला सुमन को आभार व्यक्त करते हुए पुस्तक में सभी 134 साहित्यिक रत्नों को उज्जवल भविष्य की असीम शुभकामनाएं।

Exit mobile version