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मुश्किल हुई भाजपा की राह, पटेल भाई के आने से रोमांचक हो गया मुकाबला

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हजारीबाग : लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन ने जयप्रकाश भाई पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. जेपी पटेल के मैदान में आने के बाद मुकाबला रोचक होने की संभावना है. भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जेपी पटेल के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं. कांग्रेस पार्टी ने टेकलाल महतो की राजनीतिक पृष्ठभूमि व जातीय समीकरण को साधते हुए जेपी पटेल को उम्मीदवार घोषित किया है. जेपी पटेल के आने के पहले इस सीट पर ऐसा लग रहा था कि भाजपा के मनीष जायसवाल के खिलाफ विपक्षी खेमे में कोई दमदार उम्मीदवार नहीं है. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का नाम इस सीट पर इंडिया गठबंधन से उछलता रहा, लेकिन कांग्रेस पार्टी भाजपा को मात देने के लिये उसके ही घर में सेंधमारी करने में कामयाब हो गयी और भाजपा को भनक तब तक नहीं लगी.

2019 चुनाव की बात करें तो जेपी पटेल ने भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. भाजपा के जयंत सिन्हा विजयी हुए थे. उन्हें कुल 728,798 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के गोपाल साहू को 2,04950 वोट मिले थे. यहां पर भाकपा के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता भी अपना भाग्य आजमा रहे थे. उन्हें 32,109 मतों से ही संतोष करना पड़ा था. इस तरह जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के गोपाल साहू को पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था. उसकी एक वजह यह भी थी कि जेपी पटेल ने जयंत सिन्हा के पक्ष में प्रचार किया था. मगर अब परिस्थिति बदल गई है. भाजपा के जेपी पटेल अब कांग्रेस के हो गये हैं और मनीष जायसवाल के खिलाफ चुनाव भी लड़ रहे हैं.

हजारीबाग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल है. हजारीबाग सदर सीट पर भाजपा के मनीष जायसवाल, मांडू सीट पर जेपी पटेल जो अब कांग्रेस के हो गये हैं. बरही में उमा शंकर अकेला और बड़कागांव में अंबा प्रसाद कांग्रेस की विधायक हैं. जबकि रामगढ़ में आजसू की सुनीता देवी विधायक है.

2014 के चुनाव परिणाम की बात करें तो भाजपा के जयंत सिन्हा को कुल 4,06931 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को 2,47,803 वोट मिले थे. वहीं आजसू ने भाजपा से नाता तोड़कर पूर्व विधायक लोकनाथ महतो को अपना उम्मीदवार बनाया. उन्हें 1,56,186 वोट मिले थे. इस तरह भाजपा के जयंत सिन्हा 1,59,128 मतों के अंदर से कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को पराजित किया था.

हालांकि 2024 की राह भाजपा के लिए आसान नहीं है. जेपी पटेल को उनके पिता टेकलाल महतो की राजनीतिक पृष्ठभूमि का फायदा मिल सकता है. टेकलाल महतो आंदोलनकारी थे. मांडू विधानसभा में पांच बार विधायक रहे थे. 2004 के लोकसभा चुनाव में टेकलाल महतो झामुमो की टिकट पर गिरिडीह से लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. टेकलाल महतो ने उस वक्त भाजपा के रवींद्र पांडेय को करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराकर संसद पहुंचे थे. टेकलाल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में एक थे. अलग राज्य के आंदोलन में शिबू सोरेन, एके विनोद बिहारी महतो के साथ टेकलाल शामिल थे.

27 सितंबर 2011 को टेकलाल महतो के निधन होने के उपरांत मांडू में हुए उपचुनाव में उनके बेटे जेपी पटेल ने महेश सिंह को हराकर पहली विधायक बने थे. इसके बाद वे लगातार इस सीट पर विधायक हैं. जेपी पटेल हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में पेयजलापूर्ति एवं मद्य निषेध मंत्री भी रह चुके हैं. जबकि मनीष जायसवाल 2014 से लगातार सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार प्रदीप प्रसाद को 27129 मतों के अंतर से पराजित कर विधायक बने थे. 2019 के चुनाव में इस सीट पर मनीष जायसवाल 51 हजार से अधिक मतों से जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के डॉ. आरसी प्रसाद मेहता को पराजित किया था. इस बार हजारीबाग संसदीय सीट पर मनीष जायसवाल और जेपी पटेल के बीच सीधा मुकाबला होगा.

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