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सदन में भिड़े बन्ना गुप्ता और सरयू राय, स्पीकर ने भाजपा से कहा – आसन के नियम का पालन नहीं करते तो समय क्यों मांग रहे हैं

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन भी हंगामे के बीच शुरू हुआ। लगभग 11.10 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक हंगामा करने लगे। भाजपा विधायक सदन के भीतर 60-40 नाय चलतो और 1932 का क्या हुआ लिखा भगवा रंग का टी शर्ट पहने पहुंचे। वहीं आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सदन में मौजूद थे। सदन शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने हेमंत सोरेन हाजिर हो के नारे लगाए। इसके साथ ही वे वेल तक पहुंचे। इस दौरान पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर विपक्ष के हंगामे पर अपना जवाब देना चाह रहे थे, पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज आसन का ध्यान हंगामें की ओर नहीं है। इस बीच आसन ने तीन अल्पसूचित के प्रश्नों का उत्तर सरकार से दिलाया। बढ़ते हंगामें को देखते हुए सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक महीने में भीतर वक्फ बोर्ड का गठन:

सदन में माकपा माले विधायक विनोद सिंह ने जानना चाहा कि राज्य में 15 सूत्री राज्य और जिला समिति, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक वित्त निगम का गठन नहीं होने से अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इसके लिए सरकार क्या कर रही है। इस अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री हफीजुल अंसारी ने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम का गठन कर लिया गया है, जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना आदि विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। 15 सूत्री राज्य और जिला स्तरीय समिति का भी गठन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार एक महीने में भीतर वक्फ बोर्ड का गठन कर लेगी।

सिंचाई के लिए डीप बोरिंग योजना को दें स्वीकृति:

सदन में अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने सरकार से सिंचाई के लिए परकोलेशन टैंक की जगह डीप बोरिंग योजना को स्वीकृति देने की बात रखी। इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल के बाद राज्यादेश निकाला जाएगा। विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने पूछा कि सरकार प्रति प्रखंड कितना डीप बोरिंग देगी। इस सवाल का जवाब मंत्री स्पष्ट रूप से कुछ नहीं दे रहे थे। मंत्री के जवाब पर सदन में घेरते हुए विधायक दीपिका ने कहा कि अध्यक्ष महोदय मंत्री कैसा गोलमटोल जवाब दे रहे हैं। वह भी आपके सामने। हमलोग इसके लिए सवाल नहीं करते हैं। इस पर विधायक ने कहा कि सरकार के पास कोई प्री प्लान नहीं है क्या? यही वजह है कि साल के अंत मे पता चलता है कि आधे से अधिक राशि खर्च नहीं होता।

सदन में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर मंत्री बन्ना गुप्ता और सरयू राय भिड़े

विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग में कार्यपालिका नियमावली की अनदेखी के मामले पर विधायक सरयू राय और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता में नोकझोंक हुई। सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में काफी अनियमितता हुई है। कार्यपालिका नियमावली की धारा तीन और चार का उल्लंघन हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि परंपराओं के मुताबिक ट्रांसफर पोस्टिंग हुई है। सरयू राय जो आज हम से सवाल कर रहे हैं वह भी खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे हैं। उनके विभाग के पेपर हमारे पास हैं। उन्होंने भी कार्यपालिका नियमावली का उल्लंघन किया था। सरयू राय ने कहा कि लगता है मंत्री को कार्यपालिका नियमावली की अलग ही समझ है। स्थापना समिति ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर मार्गदर्शक सिद्धांत बनाती है। उसका भी पालन उन्होंने नहीं किया है। पदस्थापन के लिए मुख्यमंत्री का भी अनुमोदन नहीं लिया गया और कह दिया गया की मुख्यमंत्री का अनुमोदन ले लिया गया है, सरयू राय ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री भी बैठे हैं वह चुनौती देते हैं कि अगर मुख्यमंत्री का अनुमोदन हो गया है तो बताएं। अगर कोई भी विभाग ऐसे मुख्यमंत्री और सचिव के आदेश से ऊपर हो जाएगा तो कैसे चलेगा। सरयू राय ने यह भी कहा कि लगता है मंत्री को कार्यपालिका नियमावली के बारे में समझ नहीं है, मुख्यमंत्री या कोई वरीय मंत्री उन्हें इसकी जानकारी दे दें।

विभागों से रिक्तियां भी मांगी गयी, बहुत जल्द शुरू होगी नियुक्तियां: आलमगीर

विधायक लंबोदर महतो के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने साफ कहा कि 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को सर्वसम्मति से विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के माध्यम से भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होनें कहा कि भारत सरकार से इस पर क्या निर्णय लेती है इसका हमलोग इंतजार नहीं कर सकते क्योंकि समय निकल जाएगा। उन्होनें कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर सरकार ने कैबिनेट से नई नियुक्ति नियमावली पारित करा ली है। विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए अलग-अलग नियमावली बनाई गई है। विभागों से रिक्तियां भी मांगी जा रही है। बहुत विभागों से रिक्तियां की सूची भी आई है। सरकार बहुत जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।

आसन के नियम का पालन नहीं करते तो समय क्यों मांग रहे हैं: स्पीकर

गुरुवार को भी भाजपा के विधायक स्लोगणयुक्त वस्त्र पहनकर सदन में हंगामा करते रहे। विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही एक बार बीच में ही स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर विपक्ष की तरफ शुरू से ही ध्यान नहीं दे रहे थे। हंगामे के बीच उन्होंने 3 अल्पसूचित प्रश्न का जवाब सरकार से दिलवाया। 12 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। फिर भी स्पीकर ने विधायकों से शून्यकाल पढ़वाया। दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लिए। इसी बीच भाजपा के विधायक कुछ बोलने के लिए उनसे बार बार अनुमति मांग रहे थे। इस पर स्पीकर ने भाजपा विधायकों को साफ कहा कि आपलोग आसन के नियम का उल्लंघन कर सदन में आये हैं। कल ही आसान से यह नियमन हुआ था कि स्लोगणयुक्त वस्त्र पहनकर नहीं आना है। उन्होंने कहा कि जब आसन के आदेश का पालन ही नहीं करते हैं तो आसन से समय क्यों मांगते हैं। पहले आप नियमन का पालन कीजिये तब समय मिलेगा। इसी बीच झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि चार दिनों से विपक्ष के द्वारा सदन में जो आचरण किया जा रहा है वो देखा नहीं जा रहा है, यह अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि वोकल माइनॉरिटी साइलेंट मेजोरिटी पर हावी है। इस पर कारवाई होनी चाहिए।

विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से जानना चाहा था कि सदन से 11 नवंबर को जो 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति पारित हुई थी उसका क्या हुआ। अबतक यह राज्य में लागू नही हुआ है। उन्होनें कहा कि सरकार का वक्तव्य झारखंड के युवाओं को दिग्भर्मित करनेवाला है। 32 के जगह पर अब 23 आ गया है। उन्होनें कहा कि अभी जो सरकार ने कैबिनेट से नियमावली पारित कराई है उससे झारखंड के युवाओं का भला नहीं होनेवाला है। सरकार पहले 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति बनाये तब नियुक्ति शुरू करे।

स्थानीय और नियोजन नीति पर सीएम देंगे जवाब : स्पीकर

विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने सदन को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ कि जिस विषय को लेकर चार दिनों से सदन में गतिरोध हो रहा है उसपर मुख्यमंत्री सदन में अपनी सुविधा के अनुसार वक्तव्य देंगे। इसके अलावा 24 मार्च को सरहुल की वजह से इस दिन के बिजनेस को 23 मार्च को ही लिया जाएगा। साथ ही यह भी तय हुआ कि स्लोगणयुक्त वस्त्र पहनकर कोई भी सदस्य सदन में नहीं आएंगे। इसपर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कल से यह दृश्य देखने को नहीं मिलेगा।

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