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शिक्षिका की मौत के बाद परिजनों ने टाटा मोटर्स अस्पताल काटा बवाल, डॉक्टरों पर लगा लापरवाही की आरोप

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जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर में टाटा मोटर्स अस्पताल में एक शिक्षिका की मौत के बाद उसके परिजन ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसे लेकर परिजन रविवार को टेल्को थाना भी पहुंचे, लेकिन लिखित शिकायत नहीं की है।

जानकारी के मुताबिक, टेल्को खड़ंगाझाड़ निवासी बबीता राय (42 साल) को पेट दर्द की शिकायत पर सात अक्टूबर को टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान ओवरी में सिस्ट का पता चला। परिजन ने कहा कि मरीज का इलाज डॉ. सोमनाथ घोष और डॉ. शिप्रा सरकार कर रहे थे। (जारी…)

नौ अक्टूबर को मरीज का ऑपरेशन हुआ। इस दौरान चिकित्सकों ने ऑपरेशन सफल बताया, लेकिन उसके बाद मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी तो चिकित्सकों ने कहा कि आंत में छेद हो गया है। इससे इंफेक्शन बढ़ने लगी और मरीज को आनन-फानन में आईसीयू ले जाया गया। जहां 13 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

यूएस में रहते हैं मृतक के परिजन

इसके बाद परिजन ने इलाज कर रहे चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मृतक के परिजन यूएस में रहते हैं। सोमवार को वे आएंगे।
उसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक के पति का नाम रजनीश कुमार है। वे टाटा कमिंस में काम करते हैं। वहीं, मृतक महिला बिरसानगर स्थित तपरिया मध्य स्कूल की शिक्षिका है।

‘डॉक्टरों की लापरवाही से पत्नी की मौत’

मृतक के पति रजनीश कुमार का आरोप है कि पत्नी की मौत चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन हार्ट अटैक से मौत बता रहा है, जबकि मरीज को ओवरी में परेशानी थी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इलाज से संबंधित सभी कागजात देने की मांग की है ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

अस्पताल प्रबंधन ने मामले में क्या कहा

वहीं, टाटा मोटर्स अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में कहा है कि बबीता राय को फरवरी महीने से ही यूटेरस से संबंधित समस्या थी। वह सात अक्टूबर को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई। 9 अक्टूबर को ऑपरेशन हुआ। 11 अक्टूबर को उल्टी और पेटदर्द की शिकायत मरीज ने की।

12 अक्टूबर को सुबह मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी। अत्यधिक पेट दर्द और बीपी कम होने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। इस दौरान मरीज का समुचित इलाज किया गया, लेकिन 13 अक्टूबर को शाम 6.30 बजे बबीता राय को कार्डियक अरेस्ट हुआ।
इस दौरान उन्हें सीपीआर समेत जरूरी इलाज किया गया पर बचाया नहीं जा सका। इसका अस्पताल प्रबंधन को अफसोस है।

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