Site icon

बचपन की तस्वीर अपलोड करना युवक को पड़ा भारी, पोर्न बताकर अकाउंट ब्लॉक किया गया

n5925409781710777886037d28e13914d1991b63e44c08fc9f4bbbc111fe18bd302f50d45cef8e5ac714872

अपने नियमों को लेकर काफी सख्त है. जहां एडल्ट कंटेंट दिखता है तो गूगल अकाउंट को बंद कर देता है. लेकिन इस बार गूगल ने जो किया, वो हैरान करने वाला है. टीओआई की खबर के मुताबिक, एक शख्स ने गूगल ड्राइव पर अपनी बचपन की तस्वीर पोस्ट की तो गूगल ने पॉर्न बताकर उसके अकाउंट को ही ब्लॉक कर दिया.

इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, केंद्र और गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है. तस्वीर जो अपलोड हुई थी, उसमें दादी दो साल के बच्चे को नहलाती दिख रही थीं.

टीओआई की खबर के मुताबिक, शख्स का नाम नील शुक्ला बताया जा रहा है. 24 साल के नील शुक्ला को शक है कि गूगल के किसी AI प्रोग्राम ने उनकी गूगल ड्राइव को ब्लॉक कर दिया. ये प्रोग्राम लोगों की फोटो देखकर उनके बारे में राय बनाता है और उन्हें आंकता है. पिछले साल अप्रैल में नील ने अपनी फोटोज ड्राइव पर डाली थीं, उसी दौरान उनका अकाउंट बंद हो गया. हाल ही में गूगल के AI वाले ऐप्स कई बार गलत फैसले दे चुके हैं.

बंद होने से हो रहीं कई दिक्कतें

नील शुक्ला के वकील दीपेन देसाई ने हाई कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल न तो ईमेल देख पा रहे हैं और न ही उनका व्यापार ठीक से चल पा रहा है. शुक्ला एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं और उनका ज्यादातर काम इंटरनेट के जरिए होता है. उनके लिए अकाउंट बंद होना मानो उनकी पहचान ही छिन जाना जैसा है. शुक्ला ने गूगल से अकाउंट वापस दिलाने की कोशिश की थी मगर कोई फायदा नहीं हुआ.

26 मार्च तक मांगा जवाब

नील शुक्ला के वकील ने हाल ही हुई हाई कोर्ट की सुनवाई में ये कहते हुए जल्दी फैसला सुनाने का आग्रह किया कि गूगल ने उन्हें एक नोटिस भेजा है जिसमें बताया गया है कि उनके अकाउंट से जुड़ा डाटा अप्रैल में डिलीट कर दिया जाएगा, जब अकाउंट बंद हुए एक साल पूरा हो जाएगा. जस्टिस वी.डी. नानावटी ने तब अधिकारियों और गूगल को नोटिस जारी किया और उन्हें 26 मार्च तक जवाब देने को कहा.

Google से शिकायत करने के बाद भी नील शुक्ला की समस्या का सॉल्यूशन नहीं निकला. इसके बाद उन्होंने गुजरात पुलिस और भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से भी संपर्क किया. लेकिन शुक्ला का कहना है कि किसी भी अधिकारी ने उनकी कोई मदद नहीं की, जिसकी वजह से उन्हें कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

Exit mobile version