पूर्व मंत्री व जदयू विधायक नरेन्द्र नारायण यादव ने गुरुवार को विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विधानसभा के सचिव राजकुमार को नामांकन पत्र सौंपा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री सुमित सिंह, विधानपार्षद संजय गांधी और विधानसभा के निदेशक राजीव कुमार मौजूद रहे।
नरेंद्र नारायण के विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वे इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार हैं। उनके चयन की शुक्रवार को विधिवत घोषणा की जाएगी। वे निवर्तमान विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुए पद पर चयनित होंगे। महेश्वर हजारी ने 21 फरवरी को विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से और मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ उचित परामर्श के बाद इस्तीफा दिया है। कल्याणपुर निर्वाचन क्षेत्र (आरक्षित) से दूसरी बार विधायक बने महेश्वर हजारी मार्च, 2021 से उपाध्यक्ष पद पर थे। नरेंद्र नारायण के नाम की घोषणा शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही की जाएगी।
नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिला के बालाटोल के रहने वाले हैं।राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1968 में हुई। जेपी आंदोलन के दौरान वे चर्चा में आए।1995 में आलमनगर से पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए। और तब से वे लगातार आलमनगर से विधायक रहे। 2005 में नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री बनाए गए। 2010-2014 तक वे प्रदेश में राजस्व एवं भूमि सुधार के साथ ही विधि विभाग के मंत्री रहे। अब बिहार विधान सभा के अगले उपाध्यक्ष होंगे।