Site icon

चौधरी चरण सिंह पर उठाया सवाल तो खरगे पर भड़के जगदीप धनखड़, कहा- ‘अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा’

n5819630601707580907812c66b2155077b1f3342f4b7463a4e6ed8a50ffa93b7bc1c3e5b550007783ee7c6

राज्यसभा में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा मामले पर गहमागहमी वाला माहौल रहा. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि इस भाषा का प्रयोग न करें. मैं चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा. वह बेदाग सार्वजनिक जीवन, बेदाग अखंडता और किसानों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए खड़े हैं.” मैंने अपनी आंखों से देखा है.

किस नियम के तहत बोलने का अवसर दिया गया?

वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से जयंत चौधरी जब अपनी बात रख रहे थे तब कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उन्हें किस नियम के तहत बोलने का अवसर दिया गया. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिन भी शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है उस पर कोई वाद-विवाद नहीं है लेकिन किस नियम के अधीन जयंत चौधरी को बोलने का मौका दिया गया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य नियमों के अधीन भी मुद्दा उठाना चाहते हैं तो उन्हें ‘चुप’ करा दिया जाता है.

धनखड़ ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि बहुत ठेस पहुंची

उन्होंने आसन के व्यवहार पर सवाल उठाए, जिस पर सभापति धनखड़ ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे उन्हें बहुत ठेस पहुंची है. सभापति ने सदन को बताया कि जयंत चौधरी ने सुबह उन्हें एक पत्र लिखा था कि वह चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर सदन में ‘कुछ’ बोलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी चरण सिंह के पोते हैं इसलिए उन्होंने उन्हें बोलने का मौका दिया. इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर हंगामे का माहौल रहा.

असली धरतीपुत्र का हम सम्मान कैसे रख पाएंगे?

वहीं, जयंत चौधरी ने कहा कि सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्षी सदस्यों के ‘दुर्व्यवहार’ से वह बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा, ”हम चौधरी चरण सिंह जैसी शख्सियत को किसी गठबंधन के बनने और टूटने, चुनाव लड़ने और जीतने तक सीमित रखना चाहते हैं. लेफ्ट, राइट और सेंटर में ही हम बंटे रहेंगे तो देश के असली धरतीपुत्र का हम सम्मान कैसे रख पाएंगे?” चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार का आभार जताते हुए जयंत चौधरी ने कहा, ”मैं कहना चाहता हूं कि एक जमीनी सरकार… जो जमीन की आवाज को समझती है और बुलंद करना चाहती है… ऐसे ही सरकार धरतीपुत्र चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दे सकती है.”

Exit mobile version