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देश में E-सिगरेट बैन, क्या सदन में पीने की इजाजत है? अनुराग ठाकुर के इस सवाल पर संसद में हंगामा

लोकसभा में गुरुवार 10 दिसंबर को उस समय हंगामा हो गया जब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक सांसद ने सदन के भीतर ई-सिगरेट पी रहे थे।

उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए पूछा कि जब देशभर में ई-सिगरेट बैन है, तो क्या लोकसभा में इसकी अनुमति दी गई है।

अनुराग ठाकुर ने पूछा-सदन में ई-सिगरेट की अनुमति है?

अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिड़ला से सवाल किया कि क्या उन्होंने सदन में ई-सिगरेट की अनुमति दी है। स्पीकर ने साफ कहा, ‘नहीं, किसी को इसकी अनुमति नहीं है।’ इसके बाद ठाकुर ने आरोप लगाया कि कुछ TMC सांसद इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने मांग की कि इस पर कार्रवाई की जाए।

सदन में शोर-शराबा बढ़ा

इस आरोप के बाद सदन में शोर-शराबा बढ़ गया। स्पीकर ने कहा कि सदन के नियम सभी सांसदों पर समान रूप से लागू होते हैं और यदि इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि अगर किसी सांसद की ओर से इस मुद्दे पर लिखित शिकायत आती है, तो वे निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे। उन्होंने दोहराया कि सदन की मर्यादा और शिष्टाचार बनाए रखना सभी सांसदों की जिम्मेदारी है।
ई-सिगरेट क्या है?

ई-सिगरेट या वेप एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो पारंपरिक तंबाकू धूम्रपान की नकल करता है। इसमें बैटरी, एटोमाइज़र और निकोटीन वाले तरल की एक छोटी टंकी या कार्ट्रिज होती है। धुएँ की जगह इसमें से वाष्प निकलती है, जिसे “वेपिंग” कहा जाता है।

भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध

भारत सरकार ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, आयात-निर्यात, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया। 18 सितंबर 2019 से लागू हुए इस कानून का उद्देश्य युवाओं में बढ़ते ई-सिगरेट के उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोकना था।

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