आपातकाल को याद करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा लाए गए ‘निंदा प्रस्ताव’ को लेकर जो माहौल बना, उसे आधार बनाकर भाजपा ने विपक्षी गठबंधन में दरारें देखने और दिखाने का प्रयास किया है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डा. संबित पात्रा ने दावा किया है कि निंदा प्रस्ताव और संवेदना के लिए रखे गए दो मिनट के मौन के दौरान कांग्रेस के सदस्य तो हंगामा कर रहे थे, जबकि आईएनडीआईए के घटक दल सपा, टीएमसी और डीएमके सदस्य शांत थे।
डगमगाया इंडी गठबंधनः संबित पात्रा
उन्होंने तंज कसा कि राहुल गांधी और गांधी परिवार की सत्ता की भूख से सदन में आईएनडीआईए डगमगा गया। भाजपा मुख्यालय में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में डा. संबित पात्रा ने कहा कि आज से 50 साल पहले 26 जून को जब भारत सोकर उठा तो पता चला था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था। उन्होंने अपनी कैबिनेट तक से सहमति नहीं ली थी। राष्ट्रपति से चुपचाप हस्ताक्षर कराने के बाद अगले दिन कैबिनेट को बताया था।
इमरजेंसी के दौरान कई नेता गए थे जेल
भाजपा सांसद ने याद दिलाया कि इमरजेंसी के दौरान सिर्फ जनसंघ के नेता ही नहीं, चौधरी चरण सिंह, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, देवीलाल, एम. करुणानिधि, एमके स्टालिन और शरद यादव सहित आज सदन में मौजूद रहे टीआर बालू भी जेल गए थे।
कांग्रेस ने सदन में मचाया हंगामा
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव का दृश्यांकन डा. पात्रा ने कुछ इस तरह किया- ‘विडंबना देखिए कि निंदा प्रस्ताव जैसे ही बिरला ने रखा, वैसे ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वेल की तरफ कांग्रेस के सांसद भागे, लेकिन सपा के लोग बैठे रहे। राहुल गांधी सोच रहे थे कि उठें या न उठें, शोर मचाएं या न मचाएं। वह अखिलेश यादव और टीआर बालू को देख रहे थे।’ तंज तीखा करते हुए बोले- ऐसी परिस्थिति तभी होती है, जब आप अन्यायी होते हैं और न्यायवान दिखने का प्रयास करते हैं। कांग्रेस ऐसा ही कर रही थी।
कांग्रेस का साथ नहीं दे रहे सपा और TMC के नेता
भाजपा सांसद ने कहा कि जो कल संविधान की प्रति हाथ में लेकर शपथ ले रहे थे, वह आज असमंजस में दिख रहे थे। सपा और टीएमसी के सदस्य कांग्रेस का साथ नहीं दे रहे थे। आपातकाल पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताने के लिए जब स्पीकर ने मौन के लिए कहा तो कांग्रेस के सदस्य वेल में हल्ला मचा रहे थे। सपा, टीएमसी और डीएमके सदस्य शांति से खड़े थे। उन्हें देखकर अंततोगत्वा राहुल गांधी को भी शांति से खड़ा होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था और आज राहुल गांधी और गांधी परिवार की वही सत्ता की भूख आईएनडीआईए अलायंस को डगमगा रही है।