जयपुर. फिल्म ‘पद्मावत’ के जबर्दस्त विरोध के चलते देशभर के मीडिया की सुर्खियों में आई करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी नहीं रहे। 13 मार्च को कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार कालवी गांव में होगा। वे लंबे समय से बीमार थे। उनका जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टर्स ने रात करीब 2 बजे उनके निधन की पुष्टि की। कालवी को जून, 2022 में ब्रेन स्ट्रोक आया था। तभी से उनका इलाज चल रहा था। कालवी को उत्तेजक भाषणों के लिए जाना जाता था। ‘पद्मावत’ के विरोध के दौरान उन्होंने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को खुलेआम धमकी दी थी। वे फिल्म से कुछ सीन हटान और नाम बदलने की मांग कर रहे थे, जिसे मान लिया गया था। चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म पृथ्वीराज को लेकर भी ऐसा ही विरोध हुआ था।
लोकेंद्र सिंह कालवी का जन्म मध्य राजस्थान के नागौर जिले के कालवी गांव में हुआ था। उनकीपढ़ाई अजमेर में पूर्व राजपरिवारों के पसंदीदा स्कूल मेयो कॉलेज से हुई थी। कालवी की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी। एक बार चित्तौड़ में जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में उन्होंने कहा था-मैंने अपने पिता से सीखा है, जो डर गया, वो मर गया। जो झुक गया, वह रह गया। जो जात का नहीं, वह अपने पिता और राष्ट्र का नहीं।
कालवी बॉस्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी थे। उनके पिता कल्याण सिंह कालवी राज्य और केंद्र में मंत्री रहे थे। 1993 में कालवी ने नागौर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, पर हार गए थे। 1998 के लोक सभा चुनावों में बाड़मेर-जैसलमेर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, तब भी हार गए थे।